लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज विधान सभा सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आत्मा (कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण) की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की समीक्षा की।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि गुणवत्ता की दृष्टि से योजना को और अधिक प्रभावी बनाये जाने की दिशा में कार्य किये जायें। श्री शाही ने कहा कि दलहन के रकबे को भी बढ़ाया जाये और वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग पर विशेष बल दिया जाये। बैठक में प्रबंध निदेशक, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम श्री राम शब्द जैसवारा ने बताया कि योजनान्तर्गत 60 प्रतिशत केंद्रांश और 40 प्रतिशत राज्यांश नियत है। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत केंद्रांश की धनराशि 100 करोड़ रूपये प्राप्त हो चुकी है।
राज्यांश को मिलाकर योजनान्तर्गत 121.86 करोड़ रूपये की धनराशि प्राप्त हुयी थी, जिसके सापेक्ष 31 दिसम्बर, 2019 तक लगभग 95 करोड़ रूपये व्यय किया जा चुका है। श्री जैसवारा ने बताया कि आत्मा का मुख्य कार्य एवं उद्देश्य कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम कराना, कृषक वैज्ञानिक मिलन, किसान मेला, कृषक गोष्ठी एवं क्षेत्र दिवस का आयोजन करना, कृषकों की दक्षता-विकास हेतु अन्तर्जनपदीय एवं अन्तर्राज्यीय भ्रमण का आयोजन करना, कृषक हितार्थी समूहों का गठन एवं क्षमता संवर्धन करना, कृषि के सर्वागीण विकास हेतु निजी क्षेत्रों की भागीदारी बढाना, कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना, फार्म स्कूल की स्थापना, अनुसंधान-प्रसार-कृषक-बाजार कडी के सबलीकरण की दिशा में प्रभावी कदम उठाना है।
बैठक में कृषि राज्य मंत्री, लाखन सिंह राजपूत, उप कृषि निदेशक, ए0के0 श्रीवास्तव सहित कृषि विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।