अद्धयात्म

रंग भरी एकादशी के दिन ऐसे करें पूजन, हो जायेंगे पापों के नाश

कल यानी 17 मार्च को फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है. इसे रंगभरी एकादशी या आमलकी एकादशी भी कहा जाता है. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है और शिव शंकर के साथ होली खेली जाती है.
इस पर्व में शिव जी के गण उन पर व समस्त जनता पर रंग अबीर गुलाल उड़ाते, खुशियाँ मानते चलते हैं. मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्नान, दान और व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है.

– ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करता है उस पर हमेशा विष्णु जी और लक्ष्मी माता की कृपा बनी रहती है.
– इस दिन आंवले के पेड़ की छाया में बैठकर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए जिससे धन और सम्पत्ती में वृद्धि होती है.
– विष्णु जो केले का भोग लगाएं.
– व्रतधारी को केवल फलाहार करना चाहिए.
– ब्राह्मणों को या किसी गरीब को खाना खिलाना बहुत पुण्य का काम माना जाता है.
– इस दिन चांदी के बर्तन से शिवलिंग पर दूध चढ़ाना बहुत ही सौभाग्य का काम होता है.

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