रक्षाबंधन पर नहीं रहेगा भद्रा का साया, दिन भर बहनें बांध सकेंगी भाई की कलाई पर राखी
भाई बहन के खूबसूरत और पवित्र रिश्ते को समर्पित रक्षाबंधन का त्योहार इस बार 22 अगस्त रविवार को मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन का त्योहार अपनी तिथि के चलते बेहद खास होने वाला है। ज्योतिषियों के मुताबिक इस साल रक्षाबंधन के दिन श्रावण पूर्णिमा, धनिष्ठ नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में इस संयोग को बेहद खास और उत्तम माना जाता है।
इस शुभ दिन बहन अपने भाई को राखी बांधती है। जिसके बदले भाई अपनी बहन को उपहार के रूप में जीवन भर बहन की रक्षा करने का वचन देता है। हर साल सावन मास में पूर्णिमा तिथि पर भाई-बहन का यह पवित्र त्योहार मनाया जाता है।
राखी बांधने का शुभ मुहुर्त –
राखी बांधने का समय – सुबह 6:15 से शाम 05:31 बजे तक
राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त- दोपहर 01:42 से शाम 04:18 बजे तक
अमृत काल – सुबह 9:34- दोपहर 11:07 बजे तक
राखी वाले दिन भद्रा अंत का समय – शायं 06:15
रक्षाबंधन की परंपरा-
रक्षाबंधन में ऐसी मान्यता है कि राजा बलि ने एक बार भगवान विष्णु को भक्ति के बल पर जीत लिया और उनसे यह वरदान मांगा कि अब आप मेरे ही राज्य में रहें, भगवान मान गए और उसी के राज्य में रहने लगे। उनके वापस न आने से लक्ष्मी जी दुखी रहने लगीं। फिर एक बार नारद की सलाह पर लक्ष्मी पाताल लोक गईं। उसके बाद उन्होंने बलि के हाथों पर रक्षा सूत्र बांधकर उन्हें भाई बना लिया और बलि से निवेदन कर विष्णु को वापस वैकुंठ धाम ले आईं। तब से रक्षाबंधन की परंपरा चली आ रही है।