रक्षाबंधन 2019: इस मंत्र को पढ़ने से मिलता है राखी का लाभ, जानें क्या है मंत्र
इस साल 15 अगस्त यानी पूरे देश में रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इस बार के रक्षाबंधन के दिन शुभ समय काफी लंबा है, जिस वक्त बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं। इस खास त्योहार पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रेशम के रंग-बिरंगे धागे बंधते हैं जो राखी कहलाती है। लेकिन सिर्फ इन धागों को बांध लेना ही काफी नहीं होता है। इन धागों को शक्ति तभी मिलती है जब आप इनके साथ रक्षाबंधन के मंत्रों को भी बोलें।
शास्त्रों में कहा गया है कि मंत्रों से रक्षासूत्र आशीर्वाद का कवच बन जाता है जो व्यक्ति की रक्षा करने में सहायक होता है। सिर्फ राखी बांध लेने से वह ऋृंगार बनकर रह जाता है इसलिए जब भाई की कलाई में राखी बांधे तो बहनों को रक्षाबंधन का मंत्र भी जरूर बोलना चाहिए।
रक्षा बंधन का मंत्र है ” येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।’ इस मंत्र के बनने की कहानी बड़ी ही अनोखी है जिसका सार इसी मंत्र में छुपा है।
भगवान विष्णु ने वामन बनकर राजा बलि से दान में सब कुछ मांग लिया। राजा बलि को जब भगवान की चाल का ज्ञान हुआ तब उसने वामन भगवान से वरदान मांगा कि हे भगवान आप मेरे साथ पाताल में निवास करें। विष्णु भगवान राजा बलि के साथ पाताल चले गए। इससे माता लक्ष्मी दुःखी हो गई और राजा बलि को दिए वरदान के बंधन से भगवान को मुक्त करवाने के उपाय सोचने लगीं। माता लक्ष्मी वेष बदलकर राजा बलि के पास गयी और राजा बलि को अपना मुंह बोला भाई बना लिया।
सावन पूर्णिमा के दिन बलि को देवी ने राखी बांधा। राजा बलि ने जब देवी से राखी बंधने के बदले उपहार मांगने को कहा तो देवी ने भगवान विष्णु को वरदान के बंधन से मुक्त करने का वचन मांग लिया। बलि ने भगवान को वरदान से मुक्त कर दिया और माता लक्ष्मी के साथ बैकुण्ठ लौट आए।
रक्षा सूत्र के इसी महत्व के कारण परंपरागत तौर पर राखी का त्योहार सदियों से मनाया जा रहा है। राजा बलि को राखी बांधकर लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को बंधन से मुक्त करावाया। इसी घटना को रक्षाबंधन के मंत्र के रूप में रचा गया।