रक्षा मंत्री पर्रिकर पहुंचे चीन, घुसपैठ-गश्ती जैसे कई मुद्दों पर होगी चर्चा
बीजिंग : अपने चीन दौरे पर पहुंचे रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि भारत चीन के साथ अपने रिश्ते को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। सोमवार को अपनी यात्रा के पहले दिन पर्रिकर ने अपने चीनी समकक्ष जनरल चांग क्वानवान से मुलाकात की।
इससे पहले कि दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच वार्ता प्रारंभ होती पर्रिकर ने चांग से कहा कि भारत चीन के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। चीनी सेना के मुख्यालय पर पर्रिकर का स्वागत पीएलए के सैनिकों ने किया।
इस मुलाकात के दौरान चांग ने कहा कि हम उम्मीद करते है कि इस मुलाकात से दोनों सशस्त्र बलों के बीच आपसी रणनीतिक विश्वास में सुधार आएगा। चांग के साथ बैठक के बाद पार्रिकर केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के उपाध्यक्ष जनरल फान चांगलांग के साथ बातचीत करेंगे।
चीनी सेना में पदों के अनुक्रम के अनुसार जनरल फान अपेक्षाकृत उंचे स्तर पर हैं क्योंकि सीएमसी 23 लाख जवानों वाली पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का प्रमुख है। इसके बाद वो चीन के पीएम ली क्विंग से भी मुलाकात करेंगे। पर्रिकर चीन के पश्चिमी कमान सैन्य मुख्यालय भी जाएंगे।
भारत के साथ इस मुख्यालय की सभी सीमाएं लगती है। पर्रिकर शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान बार-बार घुसपैठ की घटनाओं, सीमा गश्ती दलों के बीच तनाव घटाने के समझौते के कार्यान्वयन और चीन एवं भारत की रणनीतिक चिंताओं का मसला उठा सकते है।
भारतीयों अधिकारियों का कहना है कि इश दौरान द्विपक्षीय संभावनाओं के हर पहलू पर बात की जाएगी। चीन हमेशा घुसपैठ से इंकार करता रहा है। उसका दावा है कि उसके सैनिक 3488 किमी की विवादित सीमा पर अपने क्षेत्र के भीतर आने वाले इलाकों की ही गश्ती करते है।
यात्रा से पहले चीन ने संकेत दिया था कि वह सैन्य अड्डों को अमेरिका के साजोसामान के लिए खोलने के भारत के हाल के निर्णय और विमान प्रौद्योगिकी साझा करने संबंधी समझौता करने के प्रयासों के मामले को भी उठा सकता है।