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रजिस्टर में लिखा 30 जून को भगवान से मिलेंगे, और फिर उसी रात मिलीं 11 लाशें

बुराड़ी के संतनगर में एक दिल दहला देने वाली घटना से पूरा देश सकते में हैं. यहां एक परिवार के 11 सदस्य संदिग्ध हालात में घर में मृत मिले. 10 शव हॉल में फंदे पर लटके थे. जबकि एक वृद्धा का शव अंदर कमरे में पड़ा था. मृतकों में सात महिलाएं, दो पुरुष और दो लड़के हैं.

इस मामले में पुलिस ने सामूहिक हत्याकांड का केस दर्ज कर क्राइम ब्रांच को जांच सौंप दी. लेकिन इस कई घंटे की तफ्तीश के जो घर में सबूत मिले उनके आधार पर जांच सामूहिक आत्महत्या की ओर घूम गई. पुलिस सूत्रों की मानें तो रजिस्टर में अलौकिक शक्तियां, मोक्ष के लिए मौत ही एक द्वार व आत्मा का अध्यात्म से रिश्ता जैसी अजीबो गरीब बातें लिखी हुई हैं.

जांच टीम ने जब इन पन्नों को पलटा तो उसमें लिखा हुआ था कि ‘मोक्ष प्राप्त करना है तो जीवन को त्यागना होगा. जीवन को त्यागने के लिए मौत को गले लगाना होगा. मौत को गले लगाने में कष्ट होगा. कष्ट से छुटकारा पाना है तो आंखें बंद करनी होंगी.

यही नहीं, जांच में यह भी सामने आया कि डायरी में आखिरी बार 26 जून को लिखा गया था, जिसमें इस बात का जिक्र था कि अगर हमें 30 जून को परमात्मा से मिलना है तो हम सब हाथ पांव, मुंह पूरी तरह बांधेंगे ताकि किसी की सुन न सकें.

पुलिस को शक है कि रजिस्टर में जो लिखावट है वह ललित की लग रही है. साधना के लिए भाई ललित और भूपी ने मुख्य योजना बनाई थी. बाद में पूरे परिवार को शामिल कर लिया गया था. रजिस्टर में यह भी लिखा गया है कि रात एक बजे के बाद यह साधना करनी है. इस साधना को करने से पहले नहाना नहीं है. केवल हाथ और मुंह धोकर बैठना होगा.

चौंकाने वाली बात तो यह कि घर के सारे मोबाइल और टैब मंदिर के पास एक पॉलिथीन में बंधे मिले. सभी साइलंट मोड पर थे. लिखा है कि सभी को अपने-अपने हाथ-पैर खुद बांधने होंगे. हां, हाथ-पैर खोलने के लिए हम लोग एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं.

रजिस्टर में यह भी लिखा गया है कि माताजी बहुत बुजुर्ग हैं. इसलिए वह साधना करने के लिए स्टूल पर नहीं चढ़ पाएंगी और ना ही बहुत अधिक देर तक उस पर खड़ी रह पाएंगी. ऐसे में उन्हें दूसरे कमरे में साधना करानी होगी. साधना के वक्त किसी के भी चेहरे पर तनाव या दुख नहीं झलकना चाहिए.

रजिस्टर में इस बात का भी जिक्र है कि सभी को कौन-कौन सी चुन्नी और साड़ी इस्तेमाल करनी होगी. इसके साथ ही रजिस्टर में वटवृक्ष और बड़वृक्ष की पूजा करने जैसी बात भी लिखी गई है.

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