नई दिल्ली। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में भारत के लचर प्रदर्शन पर कार्रवाई करते हुए बीसीसीआई ने कोच डंकन फ्लेचर को लगभग दरकिनार करते हुए पूर्व कप्तान रवि शास्त्री को टीम निदेशक नियुक्त किया जबकि गेंदबाजी कोच जो डावेस और क्षेत्ररक्षक कोच ट्रेवर पैनी को भी आगामी वनडे श्रृंखला से ‘ब्रेक’ दे दिया। टेस्ट श्रृंखला में भारत के लचर प्रदर्शन के बाद बोर्ड पर ठोस कदम उठाने का दबाव था। बीसीसीआई ने इसके साथ ही पूर्व खिलाड़ियों संजय बांगड़ और भरत अरुण को सहायक कोच तथा आर श्रीधर को क्षेत्ररक्षक कोच नियुक्त करके टीम प्रबंधन में आमूलचूल बदलाव किया है। फ्लेचर टीम के मुख्य कोच बने रहेंगे लेकिन यह बदलाव स्पष्ट संकेत हैं कि उनके पर कतर दिए गए हैं और 25 अगस्त से शुरू हो रही एकदिवसीय श्रृंखला में शास्त्री निदेशक की भूमिका निभाएंगे। यह पहला मौका नहीं है जब शास्त्री को नुकसान कम करने की कवायद के तहत टीम के साथ जोड़ा गया है। इससे पहले वेस्टइंडीज में 2007 विश्व कप में टीम के खराब प्रदर्शन के मद्देनजर कोच ग्रेग चौपल को बर्खास्त किए जाने के बाद भी इस आलराउंडर को बांग्लादेश दौरे के लिए टीम का क्रिकेट मैनेजर नियुक्त किया गया था। बीसीसीआई ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पिछले कुछ हफ्तों में सभी पदाधिकारियों के बीच चर्चा के बाद बीसीसीआई ने पूर्व भारतीय कप्तान रवि शास्त्री की सेवा लेने का फैसला किया है जो इंग्लैंड के खिलाफ आगामी एकदिवसीय मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम का मार्गदर्शन करेंगे।’’ विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘डंकन फ्लेचर मुख्य कोच बने रहेंगे जबकि रवि शास्त्री भारतीय टीम से जुड़े क्रिकेट मामलों के ओवराल प्रभारी होंगे।’’ सहायक स्टाफ में भारतीयों को जोड़ा गया है। किंग्स इलेवन पंजाब के मुख्य कोच बांगड़ और भारत के अंडर 19 कोच भरत अरुण तथा क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर को डावेस और पैनी की जगह नियुक्त किया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘बीसीसीआई ने एकदिवसीय श्रंखला के लिए गेंदबाजी कोच जो डावेस और क्षेत्ररक्षक कोच ट्रेवर पैनी को ब्रेक दिया है और पूर्व भारतीय आलराउंडर संजय बांगड़ और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज भरत अरुण को टीम का सहायक कोच बनाया गया है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘आर श्रीधर एकदिवसीय श्रृंखला के लिए सहायक टीम से क्षेत्ररक्षण कोच के रूप में जुड़ेंगे।’’ शास्त्री ने भारत की ओर से 80 टेस्ट और 150 वनडे मैच खेलने और इस दौरान क्रमशरू 3830 और 3108 रन बनाए। उन्होंने टेस्ट मैचों में 151 जबकि वनडे में 129 विकेट भी चटकाए। टेस्ट श्रृंखला में भारत की 1-3 की शिकस्त के बाद पूर्व क्रिकेटरों ने फ्लेचर को हटाए जाने की मांग करते हुए कहा था कि टीम में उनका कोई योगदान नहीं है। पूर्व खिलाड़ियों ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठाए थे जिनका विदेशी सरजमीं पर रिकार्ड काफी खराब है। बीसीसीआई ने हालांकि फिलहाल धोनी पर कोई फैसला नहीं किया है। फ्लेचर के मार्गदर्शन में भारत अपने देश के बाहर 13 टेस्ट गंवा चुका है जिसमें से उसे इंग्लैंड में सात, आस्ट्रेलिया में चार जबकि न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में एक-एक मैचों में शिकस्त झेलनी पड़ी।