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रस्सियों के सहारे ट्रेन से उतारे लोग, गाड़ियां पानी से निकालीं और बांटे बिस्किट

मुंबई. भारी बारिश से नदी-तालाब में तब्दील हो गए महानगर में इस शहर का मानवीय चेहरा भी सामने आया। सड़कों पर पानी भरने और मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों के ठप होने से लाखों लोग जगह-जगह फंस गए। ऐसे में कई सामाजिक संगठन और राजनीतिक दलों के लोग की मदद के लिए आगे आए। मंदिर-चर्च और गुरुद्वारों के दरवाजे भी लोगों के लिए खोल दिए गए। 
रस्सियों के सहारे ट्रेन से उतारे लोग, गाड़ियां पानी से निकालीं और बांटे बिस्किट– मुंबई में मंगलवार से लगातार हो रही बारिश के चलते जगह-जगह फंसे लोगों को निकालने और उन्हें सुरक्षित जगह तक पहुंचाने के लिए कई लोग सामने आए।
– शहर के बिगड़े हालात को देखते हुए मुंबई बीजेपी युवा मोर्चा कें प्रेसिडेंट मोहित कंबोज पार्टी वर्कर्स के साथ लोगों की मदद करने के लिए आगे आए।
– कंबोज ने सांताक्रुज से लेकर बांद्रा के बीच फंसे लोगों को पानी से बाहर निकलने में मदद की। ऑटो रिक्शा, टैक्सी से लेकर पानी में बंद पड़ी कारों को भी धक्का मारकर बाहर निकलने में लोगों की मदद की।
कई ट्रेनें ठप्प रहीं
– मुंबई में मूसलाधार बारिश में सबसे ज्यादा लोकल ट्रेन के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
– सेंट्रल रेलवे के कुर्ला और दादर स्टेशन के बीच लगातार आठ घंटे से भी ज्यादा समय तक कई ट्रेनें ठप्प रहीं।
– मुसीबत की इस घड़ी में यात्रियों की मदद करने के लिए कुर्ला और सायन स्टेशन के आसपास रहने वाले युवक आगे आए।
– पटरी पर कमर तक पानी भरने के बावजूद ट्रेनों से यात्रियों को निकाला। युवकों ने ट्रेन से महिलाओं और बुजुर्गों को निकालकर सायन स्टेशन तक पहुंचाया। फिर दूसरे जरूरतमंद यात्रियों की मदद की।
बिस्किट और केले लेकर पहुंचे
– युवक देर शाम तक ट्रेन में फंसे यात्रियों के लिए बिस्किट और केले लेकर पहुंचे। सबसे पहले डिसएबल्ड कोच के पैसेंजर्स को नाश्ता दिया। इसके बाद जनरल और एसी कोच के पैसेंजर्स की मदद की।
– इस दौरान महिला यात्रियों को काफी मुश्किल हुईं। ट्रेन लेडीज कम्पार्टमेंट में फंसी एक प्रेग्नेंट महिला को निकालने में रेलवे ने कोई मदद नहीं की। इसके बाद स्थानीय लोगों ने उस महिला को निकाला।

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