राइटर शालमली की कहानी है “रेड वेलवेट”
कलाकार: सयानी गुप्ता, राजश्री देशपांडे, जर्मेन कोटिन्हो और मनु ऋषि चड्ढा। लेखक, निर्देशक: दीक्षा ज्योति
ओटीटी: वूट
मुंबई : पिछले साल सुपरहिट फिल्म अंधाधुन बनाने वाली फिल्म प्रोडक्शन कंपनी मैचबॉक्स पिक्चर्स ने अब डिजिटल दुनिया में भी दस्तक दे दी है। मैचबॉक्स शॉर्ट्स बैनर तले बनी इसकी शॉर्ट फिल्म है, रेड वेलवेट। फिल्म की निर्देशक दीक्षा ज्योति ने इसकी कहानी कुछ ऐसी बुनी है कि आखिरी फ्रेम तक दर्शक दम साधे इसे देखते रहते हैं।
रेड वेलवेट एक राइटर शालमली की कहानी है जो शांति से कुछ लिखने की कोशिश में है लेकिन उसकी पड़ोसन उसे चैन नहीं लेने देती। वह दोस्ती बढ़ाने के लिए शालमली के लिए एक डिश बनाकर लाती है और इनाम में उसकी कहानी सुनना चाहती है। शालमली कहानी सुनाती भी है, लेकिन कल्पना और असलियत के बीच तैरती इस कहानी के खत्म होते ही पड़ोसन को समझ आता है कि उसने क्या बयाना ले लिया है।
दीक्षा ज्योति ने इस फिल्म में कहानी का सिरा वहां से पकड़ा है जिसकी पहली गांठ खुलते ही दर्शक कहानी के कांटे में फंस जाता है। एक सुंदर सी पत्नी और हमेशा बड़बड़ करते रहने वाले पति के बीच जब नन्हे नाम का नौकर आता है तो पहली नजर में कुछ खटकता नहीं है। दीक्षा ज्योति के लेखन और निर्देशन की यहीं से असली चुनौती शुरू होती है और फिर जो कुछ घटता है उसी के जरिए दीक्षा इस चुनौती पर खुद को खरा साबित कर देती हैं।
अभिनय के लिहाज से शालमली के किरदार में सयानी गुप्ता ने फिल्म में बेहतरीन काम किया है। वह ग्लैमरस भी दिखती हैं और दिमाग के भीतर भीतर कुछ कुछ बुनती रहनी वाली शातिर पत्नी भी। दूसरे नंबर पर अगर कोई तारीफ का हकदार बनता है तो वह है नन्हे के किरदार में जर्मेन। सिरशा रे की सिनेमैटोग्राफी फिल्म का मूड सलीके से सेट करती है और इसका बैकग्राउंड म्यूजिक कहानी का हिस्सा बन जाता है। डिजिटल दर्शकों के लिए ये एक जरूर देखने लायक फिल्म है।