राजधानी में 10 हजार लोगों को भाजपा सरकार देगी आवास
लखनऊ। केंद्र में बनने वाली भाजपा की सरकार राजधानी के हजारों लोगों को पाश इलाके में आशियाना दिलाने का सपना पूरा कर सकती है। लखनऊ विकास प्राधिकरण और सेना के बीच नेहरू इन्क्लेव योजना को लेकर चल रहा भूमि विवाद सुलझाने में एलडीए केंद्र सरकार से मदद मांगेगा। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह के इस संबंध में पहल करने पर प्राधिकरण को बड़ी मदद मिलेगी। पूर्व में जब तीसरे मोर्च की केंद्र में सरकार बनी थी और मुलायम सिंह उनके रक्षा मंत्री थे, तब एल्डिको ग्रीन हाउसिंग स्कीम की जमीन रक्षा मंत्रालय की पहल पर छोड़ दी गई थी। इसी तर्ज पर एक बार फिर से केंद्र सरकार से मदद ली जाएगी। एलडीए जल्द ही इस संबंध में सांसद राजनाथ सिंह से मदद मांगेगा। यहां करीब 200 एकड़ भूमि है। जिससे 10 हजार परिवारों को आवास दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त नेहरू इन्क्लेव योजना के बचे हुए आवंटियों को इसी योजना में समायोजन भी दिया जा सकेगा। रक्षा मंत्रालय और एलडीए के बीच अधिग्रहीत भूमि विवाद को लेकर जिला जज की अध्यक्षता वाली कमेटी की मीटिंग लगातार चल रही हैं। नेहरू इन्क्लेव, व्योम खंड और सहारा इंडिया के एम्यूजमेंट पार्क की जमीन को लेकर खासा पुराना विवाद है। इन मीटिंगों में विवाद से जुड़े सभी पक्ष अपनी-अपनी बात रख रहे हैं। इसकी रिपोर्ट समय-समय पर हाईकोर्ट को दी जा रही है। सालों पुराने इस विवाद की वजह से यह भूमि खाली है। न तो जनता को इसमें जगह दी जा पा रही है और न ही सेना इसका उपयोग कर पा रही है। बतौर सांसद राजनाथ सिंह ने फिलहाल एक कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी में पूर्व आईएएस अधिकारी दिवाकर त्रिपाठी को अध्यक्ष बनाया गया है। दिवाकर त्रिपाठी भी नेहरू इन्क्लेव स्कीम के बारे में सभी जानकारी रखते हैं। ऐसे में उनके जरिए एलडीए को मदद मिल सकती है। इस 200 एकड़ भूमि में कम से कम 10 हजार परिवारों को आशियाना मिल सकता है। इसके अलावा कयास लगाए जा रहे हैं कि राजनाथ सिंह रक्षामंत्री बन सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो यह काम बहुत आसान हो जाएगा। उजरियावां, जुगौली, भीखमपुर की सैकड़ों एकड़ भूमि एलडीए ने महानगर पालिका से वर्ष-1982 में ली थी। इस भूमि पर प्राधिकरण ने अपनी नेहरू इन्क्लेव और वैभव खंड स्कीम लांच की थी। इसके अलावा सहारा इंडिया को मनोरंजन पार्क के लिए जगह दी थी। सहारा ने इस भूमि पर दीवार भी बना ली थी। मगर वर्ष-1993-94 में सेना ने इस भूमि पर अपना दावा कर दिया। सेना की ओर से कहा गया कि, वर्ष-1935 में उनको यह भूमि ट्रांस गोमती राइफल क्लब के लिए दी गई थी। इसके बाद प्रकरण हाईकोर्ट में चला गया। केंद्र में कांग्रेस के सहयोग से तीसरे मोर्चे की सरकार बनी और मुलायम सिंह उसके रक्षा मंत्री तो इस मामले में एल्डिको को बड़ी राहत मिली। लोहिया पथ से लगती एल्डिको ग्रीन के लिए रक्षा मंत्रालय ने जमीन छोड़ दी थी। मगर बाकी जमीन से अभी उसने अपना कब्जा नहीं छोड़ा है। ऐसी ही राहत की उम्मीद इस बार फिर एलडीए के अधिकारी कर रहे हैं।