राजधानी लखनऊ की बेटी को मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार
खुद के अपहरण की कोशिश को नाकाम कर अपराधियों के छक्के छुड़ाने वाली राजधानी की अंशिका पांडेय को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिलेगा।
लखनऊ । खुद के अपहरण की कोशिश को नाकाम कर अपराधियों के छक्के छुड़ाने वाली राजधानी की अंशिका पांडेय को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिलेगा। गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मिलने वाले पुरस्कार के लिए वह अपने पिता के साथ दिल्ली पहुंच गई। देशभर से आए बच्चों के साथ मंगलवार को अंशिका ने इंडिया गेट व लालकिले सहित दिल्ली की वादियों की सैर कर मस्ती भी की। पुरस्कार पाने को लेकर अंशिका उत्साहित है। उसका कहना है कि प्रधानमंत्री से बात करने करने का मौका मिलेगा तो महिलाओं की सुरक्षा का इंतजाम करने की बात जरूर कहूंगी। 14 सितंबर 2015 को हुई अपहरण की घटना में शामिल अपराधियों का पता न लग पाने से आहत अंशिका कहती हैं कि पीएम से इसकी भी शिकायत करूंगी। अंशिका राजधानी ही नहीं प्रदेश की इकलौती पुरस्कार पाने वाली छात्र हैं।
डॉक्टर बनेगी अंशिका- रामराम बैंक चौराहे के पास सेंट एंटोनी स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली 15 वर्षीय अंशिका सीतापुर रोड के भरत नगर में रहती हैं। पिता शशिकांत पांडेय समाजसेवी हैं, मां लल्ली पांडेय बीडीसी सदस्य हैं। अंशिका डॉक्टर बनकर गरीबों का निश्शुल्क इलाज करना चाहती हैं। 1ऐसे हुई थी घटना1अंशिका 14 सितंबर 2015 की घटना याद कर उसकी आंखें भर आती हैं। रोज की तरह वह सुबह के सात बजे साइकिल से स्कूल के लिए निकली। अंशिका घर के कुछ दूरी पर गई थी कि पहले से ही कार में घात लगाए बैठे बदमाशों ने उसे खींचने का प्रयास किया। वह चिल्लाती इससे पहले ही उसका मुंह बंद कर दिया। वह दांतों और नाखून से हमला कर रही थी कि एक बदमाश ने ड्राइवर से तेजाब की बोतल मांगी।
वह कहती है कि वे मेरी आंखों में तेजाब डालने का प्रयास करने लगे तो पैर फंसाकर हाथों से मुंह को ढक लिया। बदमाशों ने सर्जिकल ब्लेड से उसके दाहिने हाथ पर हमला कर दिया और वह भाग गए। गरिमा मिश्र दुर्गा मंदिर पर इंतजार के बाद घर की ओर आ रही थी तो उसे लहूलुहान देखकर स्तब्ध रह गई। गरिमा ने आवाज लगाई, लेकिन तब तक बदमाश भाग चुके थे। गरिमा ने रुमाल से जख्म पर पट्टी बांधी और अंशिका को उसके घर लेकर आई। अंशिका कहती है कि उसने मेरे लिए परीक्षा भी छोड़ दी थी। पुरस्कार का श्रेय उसे भी जाता है।