उत्तर प्रदेशलखनऊ

राजधानी लखनऊ में जुटेंगे 60 देशों के मुख्य न्यायाधीश, जगाएंगे विश्व शांति की अलख

10 नवम्बर को स्वागत समारोह का उद्घाटन करेंगे उप-मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा
केन्द्र सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी होंगे मुख्य अतिथि

11 नवम्बर को औपचारिक उद्घाटन करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 18वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ का भव्य उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कर कमलों से 11 नवम्बर, शनिवार को प्रातः 9.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में होगा। इससे पहले, सम्मेलन में पधार रहे 6 देशों के प्रधानमंत्री, उप-राष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति, गवर्नर-जनरल, संसद के अध्यक्ष समेत 60 देशों के मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व कानूनविदों का ‘स्वागत समारोह’ 10 नवम्बर को सायं 5.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड परिसर में आयोजित किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्तार अब्बास नकवी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री, भारत सरकार मुख्य अतिथि होंगे जबकि स्वागत समारोह का उद्घाटन प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा करेंगे। उक्त जानकारी आज यहाँ होटल क्लार्क अवध में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में सम्मेलन के संयोजक एवं सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने दी। विदित हो कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ 10 से 14 नवम्बर तक सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है। ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ पर आधारित यह ऐतिहासिक सम्मेलन विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं विश्व के ढाई अरब से अधिक बच्चों के सुन्दर एवं सुरक्षित भविष्य को समर्पित है। पत्रकारों से वार्ता करते हुए डा. गाँधी ने कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल पूरे विश्व में एकता, शान्ति, न्याय व बच्चों के अधिकारों की आवाज उठा रहा है एवं इसी कड़ी में ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 18वाँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ आयोजित किया जा रहा है। सी.एम.एस. द्वारा विगत 17 वर्षों में आयोजित किये गये अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में 125 देशों के 1002 मुख्य न्यायाधीश व न्यायाधीश प्रतिभाग कर चुके हैं और सभी ने सी.एम.एस. के इस प्रयास को सराहा है। सी.एम.एस. का मानना है कि ‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51’ की भावनाओं को आत्मसात कर विश्व में एकता व शान्ति की स्थापना संभव है।

डा. गांधी ने बताया कि लखनऊवासियों के लिए यह गर्व का विषय है कि देश-दुनिया की तमाम प्रख्यात हस्तियाँ लखनऊ का नाम विश्वपटल पर आलोकित करने हेतु यहाँ पधार रही है, जिनमें गुयाना के उप-राष्ट्रपति माननीय खेमराज रामजतन, लेसोथो के प्रधानमंत्री डा. पकालिथा बी. मोसिलिली, तुवालु के गर्वनर-जनरल (राष्ट्र प्रमुख) इकोबा टी. इटालेली, क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति स्टेपन मेसिक, मॉरीशस पार्लियामेन्ट की अध्यक्षा माननीय शान्तीबाई हनूमानजी, घाना पार्लियामेन्ट के अध्यक्ष प्रो. ऐरोन मिशैल ओक्याये, श्रीलंका के सब्रागामुआ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री महीपाला हेराथ, इण्टरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस, नीदरलैण्ड के न्यायाधीश न्यायमूर्ति इबे उसीजी एवं न्यायमूर्ति एन्टोनी केसिया-एमबी मिन्डुआ आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा, सम्मेलन में प्रतिभाग हेतु 60 देशों से 270 मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश, कानूनविद् एवं विश्व शान्ति संगठनों के प्रतिनिधि लखनऊ पधार रहे हैं। डा. गाँधी ने आगे कहा कि विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन कई मायनों में बेजोड़ होगा, जहाँ पूरे विश्व को अराजकता, भुखमरी, गरीबी व अशिक्षा जैसी महामारियों से मुक्त कराने एवं प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था लागू करने का संकल्प लिया जायेगा। डा. गाँधी ने कहा कि आज विश्व के बच्चों की निगाहें ज्यूडियशियरी पर ही टिकी हैं क्योंकि ‘वर्ल्ड ज्यूड्यिशरी’ की संकल्प शक्ति ही विश्व को अराजकता की स्थिति से उबार सकती है। ‘वर्ल्ड ज्यूडिशियरी’ एकताबद्ध होकर राष्ट्र प्रमुखों को बाध्य कर सकती है कि वह विश्व के बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए साथ मिलकर ‘वर्ल्ड पार्लियामेन्ट’ का गठन करें जो कि ‘प्रभावशाली’ अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था बना सके। कुल मिलाकर विश्व के ढ़ाई अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु विश्व एकता, विश्व शान्ति, विश्व संसद, विश्व सरकार, बच्चों के अधिकार एवं प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था की आवाज आगामी 10 नवम्बर से बड़े ही जोरदार तरीके से लखनऊ से बुलन्द होगी।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन का आगाज 10 नवम्बर को मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व विशिष्ट अतिथियों के ‘स्वागत समारोह’ से होगा जबकि सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन 11 नवम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा किया जायेगा। इसके अलावा, 11 नवम्बर को उद्घाटन समारोह से पूर्व प्रातः 8.00 बजे विभिन्न देशों के न्यायविद्, कानूनविद् व राष्ट्र प्रमुख सी.एम.एस. छात्रों के ‘विश्व एकता मार्च’ का नेतृत्व करेंगे। 11, 12 व 13 नवम्बर को विभिन्न देशों के न्याय्विदों व कानूनविद्ों की परिचर्चाओं का दौर चलेगा जबकि 14 नवम्बर को न्यायविद्ों के विचार विमर्श के निष्कर्ष को ‘लखनऊ घोषणापत्र’ के रूप में जारी किया जायेगा। इससे पहले, विभिन्न देशों के न्यायविद्, कानूनविद् व अन्य प्रख्यात हस्तियाँ 8 नवम्बर को दिल्ली में एकत्र होकर आगरा जायेंगे और वहाँ पर ताजमहल समेत अन्य ऐतिहासिक इमारतों का दीदार करेंगे। 9 नवम्बर को प्रातः 10.30 बजे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की समाधि ‘राजघाट’ जाकर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे एवं 10 नवम्बर को नई दिल्ली से लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे एवं प्रातः 9.15 बजे अमौसी एअरपोर्ट पर पधारेंगे, जहाँ इन प्रख्यात हस्तियों का बैण्ड-बाजे की धुन व फूल-मालाओं के साथ लखनऊ की सरजमीं पर भव्य स्वागत-अभिनन्दन किया जायेगा। श्री शर्मा ने बताया कि सम्मेलन के प्रतिभागी देशों में अफगानिस्तान, अंगोला, एन्टीगुआ एवं बरबूडा, अर्जेन्टीना, आर्मीनिया, बहमास, बेनिन, भूटान, बोलिविया, बोस्निया एण्ड हर्जेगोविना, ब्राजील, कम्बोडिया, कोस्टारिका, क्रोएशिया, इक्वाडोर, इजिप्ट, इथियोपिया, फिजी, घाना, गुयाना, होण्डूरस, ईरान, जमैका, किर्गिज रिपब्लिक, लेबनान, लेसोथो, मैसीडोनिया, मेडागास्कर, मलावी, मॉरीशस, मंगोलिया, मोरक्को, मोजाम्बिक, म्यांमार, नेपाल, नीदरलैण्ड, नाईजीरिया, पराग्वे, पेरू, फिलीपीन्स, सोमालिया, साउथ अफ्रीका, साउथ कोरिया, साउथ सूडान, श्रीलंका, सूडान, सूरीनाम, स्वाजीलैण्ड, तंजानिया, ताईवान, छाड़, थाईलैण्ड, टोगो, ट्यूनीशिया, तवालू, युगाण्डा, यूक्रेन, अमेरिका, जिम्बाब्वे एवं भारत प्रमुख हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सम्मलेन दुनिया को एकता के सूत्र में पिरोने और विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित व सुखद भविष्य की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा और विश्व समाज को एक नई दिशा देगा।

 

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