नई दिल्ली । केंद्र में नई सरकार सोमवार को शपथ लेने जा रही है। सरकार में शामिल होने वाले चेहरों और विभागों को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में सियासी हलचल तेज रही। जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल सभी छोटे बड़े दल मंत्रिमंडल में घुसपैठ की जुगत भिड़ाने में जुटे रहे वहीं विभागों को लेकर व्यक्त किए जा रहे अनुमानों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष को गृह मंत्रालय का दायित्व सौंपे जाने की संभावना जताई जा रही है। राजनाथ के अलावा जिन चेहरों के शामिल होने की संभावना पार्टी सूत्रों ने व्यक्त की है उनमें अरुण जेटली सुषमा स्वराज को महत्वपूर्ण विभाग सौंपे जाने की उम्मीद है। इस बीच भाजपा की केरल इकाई ने सरकार में राज्य का प्रतिनिधित्व नहीं मिलने की संभावना जताई है। संसद के दोनों सदनों में से किसी भी सदन में राज्य से एक भी प्रतिनिधि नहीं है और ऐसे में किसी को मंत्री बनाए जाने की सूरत नहीं दिख रही है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल चुस्त रहने का अनुमान है। सरकार में पुनर्गठन की संभावना है और कुछ मंत्रालयों को समायोजित किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष राजनाथ सिंह का अगला गृह मंत्री बनना तय है लेकिन आंतरिक सुरक्षा का प्रभार गृह मंत्रालय से छीन कर प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ संबद्ध किया जा सकता है। अब पार्टी में राजनाथ की जगह कौन लेंगे इस पर मंथन चल रहा है। इस पद के लिए पार्टी महासचिव और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री जे. पी. नड्डा का नाम सबसे आगे चल रहा है। अरुण जेटली को वित्त मंत्रालय का भार सौंपे जाने का अनुमान है तो सुषमा स्वराज को विदेश या रक्षा मंत्री बनाया जा सकता है। रविशंकर प्रसाद नजमा हेपतुल्ला सुमित्रा महाजन और अनंत कुमार को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलने की उम्मीद है। मंत्रिमंडल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी शिवसेना और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) को भी प्रतिनिधित्व मिलने के आसार हैं। तेदेपा प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को मोदी से मुलाकात भी की। नायडू ने मुलाकात के बाद हालांकि यह कहा कि मंत्रिमंडल का पद महत्वपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा ‘‘मैंने प्रतिनिधित्व पर कोई बात नहीं की।’’ नायडू ने कहा ‘‘हम राजग के सहयोगी हैं सत्ता महत्वपूर्ण नहीं है राष्ट्रीय विकास महत्वपूर्ण है। आंध्र और तेलंगाना दोनों जगह समस्याएं हैं। उनके (मोदी के) नेतृत्व में हम उनका समाधान चाहते हैं।’’
हैदराबाद में हालांकि तेदेपा सूत्रों ने कहा कि अशोक गजपति राजू को तेदेपा से मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि नायडू और मोदी की मुलाकात में इस बारे में फैसला लिया गया है। सहयोगी शिवसेना ने हालांकि कहा है कि उसे मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद है। शिव सेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई ने कहा ‘‘केंद्र सरकार में शिव सेना अच्छी स्थिति में रहने की उम्मीद करती है। भाजपा ने हमें आश्वासन दिया है।’’ देसाई ने कहा ‘‘हमे विश्वास है। हम इस बात की न तो परवाह कर रहे हैं और न ही चिंता कर रहे हैं कि शिव सेना को उचित भागीदारी मिलेगी या नहीं।’’ सूत्रों ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में दो सीटें जीतने वाला अपना दल भी मंत्रिमंडल में जगह पाने की जुगत भिड़ाने में जुटा है। राजनाथ सिंह ने इस बीच मेनका गांधी उदित राज और विजय गोयल सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता सुरेश सोनी के साथ रविवार को मुलाकात की। उधर केरल में यह सवाल उठ रहा है कि क्या नवनियुक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस राज्य को भी अपने मंत्रिमंडल में जगह देंगे? भाजपा के केरल प्रदेश अध्यक्ष वी. मुरलीधरन ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा ‘‘जब संसद के दोनों सदनों में केरल से भाजपा का एक भी प्रतिनिधि नहीं है तो मैं नहीं जानता कि यह कैसे संभव होगा? अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जब भाजपा नेता ओ. राजगोपाल को लिया गया था तो वह राज्यसभा सदस्य थे। इस बार कोई भी सदस्य नहीं है।’’ राजगोपाल ने कहा ‘‘जब केरल में भाजपा अछूत समझी जाती है तो उसे मंत्रिमंडल में जगह क्यों मिलनी चाहिए? मुझे संदेह है कि केरल से किसी को लिया भी जाएगा।’’