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राजनीतिक मजबूरी और देशहित में सभी पार्टियां ( गैर बीजेपी ) आयेंगी साथ: चंद्रबाबू नायडू

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) चीफ चंद्रबाबू नायडू ने साफ संकेत दिया है कि 2019 लोकसभा चुनावों में बीजेपी के सामने एक बेहतर विकल्प तैयार करने के लिए विपक्ष को एकजुट करने में वह सहायक की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। इस दौरान नायडू ने यह दावा किया कि राजनीतिक मजबूरी 2019 लोकसभा चुनाव में सभी गैर-बीजेपी दलों को एनडीए के खिलाफ साथ लाएगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इनमें से कुछ पार्टियां चुनावों से पहले साथ आ सकती हैं और कुछ चुनावों के बाद। बता दें कि 2019 चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश के क्रम में ही शनिवार को नायडू ने नई दिल्ली में बीएसपी सुप्रीमो मायावती, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, बीजेपी के बागी नेता यशवंत सिन्हा और लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में नायडू ने कहा, ‘2019 में सिर्फ राजनीतिक मजबूरी और देशहित में सभी पार्टियां (गैर बीजेपी) साथ आएंगी। यह संभव है कि कुछ पार्टियां चुनाव बाद साथ आएं।’ इस दौरान नायडू ने यह भी साफ किया कि विपक्ष के किसी भी तरह के गठबंधन में कांग्रेस की अहम भूमिका तय है। उन्होंने कहा, ‘बिना किसी राष्ट्रीय पार्टी के आप केंद्र में सरकार नहीं बना सकते।’ बीएसपी चीफ मायावती द्वारा हाल ही में कांग्रेस की आलोचना करने और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से अलग होकर चुनाव लड़ने के सवाल पर नायडू ने कहा, ‘एक वरिष्ठ राजनेता होने के कारण राजनीतिक और वैचारिक मजबूरियों को मैं समझ सकता हूं। मैं जानता हूं कि मुझे क्या कहना और कैसे दूसरे नेताओं की भावनाओं और विचारों को समाहित करना है क्योंकि आखिरकार हमें आगे बढ़ना ही होगा। केंद्र की मोदी सरकार पर बरसते हुए नायडू ने कहा, वे (बीजेपी) सभी राजनीतिक पार्टियों और नेताओं को खत्म कर देना चाहते हैं। वे लगातार संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं। इतना ही नहीं, केंद्र में सभी उच्च पदों पर सिर्फ एक राज्य गुजरात से अधिकारी लाकर बैठाए जा रहे हैं। सीबीआई में मचे घमासान के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए नायडू ने कहा, राकेश अस्थाना (सीबीआई के विशेष निदेशक) भी गुजरात से हैं। वह पीएम मोदी के ‘इन्टेलिजन्स मैन’ हैं। ऐसे में पीएम को यह बताना चाहिए कि आखिर सीबीआई में क्या चल रहा है।

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