राजनीति छोड़कर बिजनेस करना चाहते थे नीतीश, पत्नी ने दिए थे चुनाव लड़ने के लिए पैसे
दस्तक टाइम्स/एजेंसी: बिहार के सीएम नीतीश कुमार हैट्रिक लगाने के बेहद करीब पहुंच गए हैं। चुनाव नतीजों के बीच रुझानों में महागठबंधन 172 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। कहा जाता है नीतीश कुमार एक समय राजनीति छोड़ना चाहते थे और बिजनेस करना चाहते थे। इस बात का जिक्र एक किताब में किया गया है।
जर्नलिस्ट संतोष सिंह की किताब ‘रूल्ड ऑर मिसरूल्ड’ में लिखा गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक वक्त पर बिजनेस शुरू करने की भी योजना बनाई थी। उनकी जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया था जब उन्होंने पॉलिटिक्स छोड़ने का मन बना लिया था। किताब में लिखा गया है कि 1977 और 1980 के चुनावों में नीतीश को कांग्रेस के भोला सिंह ने हरनौत सीट से हरा दिया था।
पस्त होने लगे थे नीतीश का हौसला
उस वक्त हताश-निराश नीतीश ने अपने दोस्त मुन्ना सरकार से कहा था कि, ‘ऐसे कैसे होगा, लगता है कोई बिजनस करना होगा।’ उन्होंने बताया कि लगातार नाकामी से नीतीश के परिवार का हौसला डिगने लगा था। परिवार को लगता था कि इंजीनियरिंग की डिग्री पर उन्हें तब भी नौकरी मिल सकती थी।
पत्नी ने दिए थे 20 हजार
एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में यशवंत देशमुख ने कहा कि, नीतीश के दोस्त नरेंद्र के हवाले से किताब में बताया है कि उन्होंने नीतीश को चुनाव जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी। नीतीश की पत्नी मंजू सिन्हा ने भी अपनी बचत से 20 हजार रुपए दिए थे।’ आखिरकार, 1985 के चुनाव में नीतीश को जीत हासिल हो गई।
जेपी के आंदोलन से उभरे
किताब में बताया गया है कि नीतीश कुमार लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से उभरे थे। नीतीश कुमार के अलावा आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के उप-मुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी भी 1974 के जेपी आंदोलन से उभरे थे।
पत्नी से मांगा था चुनाव लड़ने का आखिरी चांस
नीतीश की पत्नी मंजू पेशे से एक सरकारी टीचर थी। 1985 चुनाव के दौरान नीतीश ने राजनीति में किस्मत आजमाने के लिए मंजू से एक आखिरी मौका देने के लिए कहा। भोला सिंह के खिलाफ फिर से चुनाव लड़ने के लिए फंड का इंतजाम नीतीश के दोस्त ने किया।