नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, राजनीतिक पार्टियों के खेमे में उठापटक भी बढ़ गई है। राजनीतिक दल जीत के लिए हर तरह के दांव चल रहे हैं। इसी क्रम में राजस्थान की बीकानेर सीट पर कांग्रेस ने पूर्व आईपीएस अधिकारी मदनगोपाल मेघवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर बीजेपी के अर्जुन राम मेघवाल तीसरी बार भाग्य आजमा रहे हैं। खास बात यह है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर राजनीति में आए हैं, दोनों मेघवाल समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं और दोनों मौसेरे भाई हैं।
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम 2009 में भारतीय प्रशासनिक सेवा छोड़कर राजनीति में आए और बीकानेर सीट से जीते। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के शंकर पन्नू को तीन लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। इसके बाद मोदी सरकार में मेघवाल का कद लगातार बढ़ा, वह लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक रहे और फिलहाल जल संसाधन के साथ साथ केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। हालांकि इस बार बीकानेर सीट पर सूरत बदली नजर आ रही है और अर्जुनराम मेघवाल के लिए हालात पहले जितने सुगम नहीं हैं। कभी भाजपा में कद्दावर नेता रहे देवी सिंह भाटी उनका खुलकर विरोध कर रहे हैं और उन्हें टिकट देने के विरोध में पार्टी छोड़ चुके हैं।
इसके अलावा, अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर जाट और ब्राह्मण मतदाता भी खासी संख्या में हैं जिनका रूख इस बार बदला हुआ है। कांग्रेस के मदनगोपाल मेघवाल निश्चित रूप से उन्हें कड़ी टक्कर तो देंगे ही। साथ ही माकपा द्वारा श्योपत राम मेघवाल को मैदान में उतारे जाने से मुकाबला रोचक हो गया है। कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे मदनगोपाल आरपीएस से पदोन्नत होकर आईपीएस बने, उनकी सेवा के कई साल अभी बाकी थे लेकिन दिसंबर में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया। वह खाजूवाला से टिकट के दावेदार थे लेकिन बात नहीं बनी, अब पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट देकर दांव खेला है।