राजस्थान में 4 हजार ग्राम सेवकों की भर्ती जल्द
एजेन्सी/ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग में अब कनिष्ठ लिपिक व ग्राम सेवकों की भर्तियां राज्य स्तर पर होंगी। ये भर्तियां राजस्थान अधीनस्थ और लिपिकवर्गीय सेवा चयन बोर्ड के जरिए कराई जाएंगी। इसके लिए शुक्रवार को विधानसभा ने राजस्थान पंचायती राज (संशोधन) विधेयक-2016 ध्वनिमत से पारित कर दिया। हालांकि इससे पहले विधेयक को लेकर विपक्षी सदस्यों ने भर्तियां पूर्व की तरह जिला स्तर पर ही कराए जाने की मांग की। सरकार जल्द 4 हजार पदों पर ग्राम सेवकों की भर्ती करेगी।
संशोधन विधेयक को मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने प्रस्तुत किया। इसके बाद विधेयक पर बहस हुई। बहस के जवाब में गोयल ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि कनिष्ठ लिपिक एवं ग्राम सेवक के चयन में एकरूपता रहे। इसके पारित होने के बाद ग्राम सेवक तथा कनिष्ठ लिपिक पदों के लिए चयन राज्य स्तर पर ही किया जाएगा। परिषदों की शक्तियों या अधिकारों में कोई कटौती या परिवर्तन नहीं किया
जा रहा।
इससे पहले सदन ने विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचारित करने के संशोधन प्रस्ताव को ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया। विधेयक पर कांग्रेस के गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि पहले वर्ष 2010 में कांग्रेस राज में ही कानून बना जिसके तहत तृतीय श्रेणी शिक्षण भर्ती आरपीएससी से कराने के बजाय जिला परिषद के माध्यम से कराई जाने लगी। अब सरकार कानून ला रही है जिसके तहत भर्ती चयन बोर्ड से होगी। इस बीच सरकार शिक्षकों की भर्ती माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से करवा चुकी है। ऐसी स्थिति में नए कानून लाने का औचित्य का रह गया।
उन्होंने कहा कि सरकार पंचायती राज व्यवस्था को डिब्बे में बंद कर खत्म करने की व्यवस्था कर रही है। भाजपा के जोगाराम पटेल ने कहा कि बार-बार संशोधन की प्रथा के बजाय स्थाई उपाय होना चाहिए। प्रहलाद गुजंल ने कहा कि पहले भर्ती जिला स्तर पर होती थी। अब भर्ती राजस्थान अधीनस्थ एवं लिपिकीय चयन बोर्ड से प्रदेश स्तर पर होगी। कांग्रेस के सुखराम विश्नोई ने कहा कि चयन बोर्ड से भर्तियां होंगी तो स्थानीय लोग वंचित रह जाएंगे। निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि आरपीएससी में जो गड़बड़ी पिछले दिनों आई उसके देखते हुए सरकार को दस साल की जांच करानी चाहिए। कांग्रेस के धीरज गुर्जर ने कहा कि नए कानून के तहत भर्तियां राज्य स्तर पर होगी। यह गलत है। भर्ती स्थानीय स्तर पर होनी चाहिए।