लखनऊ (दस्तक ब्यूरो)। अखिलेश सरकार अपना कुनबा और बढ़ाएगी। सीओ जियाउलहक हत्याकांड मामले में सीबीआई से कुंडा के निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया को मिली क्लिीनचिट के बाद अखिलेश उन्हें फिर अपने कैबिनेट में जगह देंगे। राजनीति के जानकारों के मुताबिक मुजफफरपुर दंगों और उसके बाद सरकार की ओर से की गई कार्रवाई से नाराज चल रही ठाकुर लॉबी को साधने के लिए यह कदम उठाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को राजभवन में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में राजा भइया को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। इसके लिए राज्यपाल बीएल जोशी से बातचीत की गई और राजस्थान के उनके दौरे के बीच से ही उन्हें वापस बुलाने के लिए विशेष विमान भेजा गया। इस मंत्रीमंडल विस्तार में एक राज्य मंत्री का भी ओहदा बढ़ सकता है और एक नया चेहरा शामिल किए जाने के संकेत हैं। इसके साथ ही राजा भइया के भाजपा में जाने की चर्चाओं पर भी विराम लग गया है। इसी कड़ी में अभी हाल ही में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खां राजा से मिलने उनके कैंट स्थित कोठी में मिलने भी गए थे। जिसके बाद से ही उनकी दोबारा सरकार में वापसी का माहौल बनने लगा था।
अखिलेश ने राजा से बातचीत के लिए आजम को ही भेजा इसके भी खास निहितार्थ हैं। राजा भइया को पहले भी कैबिनेट में शामिल करने पर आजम कुछ खास खुश नहीं थे। वहीं सीओ जियाउलहक की हत्या में राजा भइया का नाम आने के बाद आजम ने उन्हें तत्काल मंत्रीमंडल से बाहर करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया था। लेकिन इस मामले में सीबीआई जांच में क्लीनचिट मिलने के बाद उन्हें दोबारा मंत्रीमंडल में वापस लाने की तैयारी काफी दिनों से होने लगी थी। इसी बीच हुए मुजफफरपुर दंगों और उसके बाद मेरठ की हिंसा ने सरकार के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी थीं।