नई दिल्ली। कभी समाजवादी पार्टी के लिए दुलारे रहे चर्चित विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया अब भाजपा के लिए ठाकुर विधायकों की गोलबंदी करने में जुटे हुए हैं। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही उन्होंने भाजपा से प्यार मोहब्बत बढ़ानी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि वह मौका देखकर साइकिल से उतर सकते हैं। जबकि वह इस समय सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। कहा जा रहा है कि यदि ठाकुर विधायकों को एकजुट करने में वह सफल रहे तो यह सपा को बड़ा झटका साबित हो सकता है।
ताजा सुर्खियां उनकी बयानबाजी और विधायकों से सेटिंग को लेकर है। उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव से चल रही उनकी तल्खियां भी किसी से छिपी नहीं हैं। खुली बैठकों में उन्होंने सीएम पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। यह कोई पहला मामला नहीं है कि राजा भैया किसी बात को लेकर चर्चाओं में आए हों। इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती से उलझने के चलते भी वह काफी चर्चा में रहे थे। उन्हें जेल यात्रा भी करनी पड़ी थी। लेकिन सपा सरकार आते ही वह कैबिनेट में शामिल हो गए। अब जब सभी पार्टियों में अपना हित साधने के लिए भगदड़ मची हुई है तो फिर राजा भैया भला कहां पीछे रहते।
सूत्रों की मानें तो इस समय राजा भैया भाजपा से पीगें बढ़ा रहे हैं। इस चर्चा के बाद यूपी का सियासी पारा बढ़ गया है। चर्चा तो यह भी है कि राजा भैया अपने चहेते ठाकुर विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। यह चर्चा सपा के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव भी नजदीक है। राजा भैया का यह कदम सियासी भूचाल ला सकता है। वहीं सपा ने भी अमर सिंह के जरिए दूसरे दलों में मौजूद ठाकुर विधायकों पर डोरे डालना शुरु कर दिया है। राजा भैया के बयानों से सर्तक हुई सपा को भी अंदाजा हो चुका है कि राजा भैया कभी भी साइकिल से नीचे उतर सकते हैं।
सपा के अंदाजे को इस बात से भी बल मिलता है कि प्रतापगढ़ की एक खुली बैठक में राजा भैया ने सीएम अखिलेश यादव का सीधे नाम लेते हुए कहा था कि वह प्रतापगढ़ को आपराधिक घटनाओं से जोड़कर बदनाम कर रहे हैं, जबकि उनके इटावा में सबसे ज्यादा क्राइम हो रहा है।
राजा भैया की नाराजगी के पीछे सीएम अखिलेश यादव की कुछ सीधी कार्रवाई के निर्णय बताए जा रहे हैं। प्रतापगढ़ में हुई एक इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में सीबीआई को जांच सौंपना, वहीं मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान राजा भैया के पर कतरना वजह बताई जा रही है। कुछ समय पहले भी राजा भैया के भाजपा में जाने की चर्चाओं को खूब हवा मिली थी।
अमर सिंह की सपा में वापसी राजा भैया के वार को कुंद कर सकती है। चर्चा तो यह भी है कि जितने ठाकुर विधायक हैं वह राजा भैया ही नहीं अमर सिंह के संपर्क में भी हैं। इसी के चलते ही सपा ने अमर सिंह के कद को और बढ़ाते हुए उन्हें राज्यसभा तक पहुंचाया। यही वजह है कि सपा राजा भैया पर आई खबरों को ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रही है।