नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी ने मद्रास हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर उसे रिहा करने की अपील की है।
नलिनी के वकील एम राधाकृष्णन ने कहा कि नलिनी की याचिका पर हाईकोर्ट में कभी भी सुनवाई की जा सकती है लेकिन कोर्ट के निर्णय से पहले भी तमिलनाडु सरकार नलिनी को आर्टिकल 161 के तहत रिहा कर सकती है।
पहले कई बार नामंजूर हो चुकी थी अर्जी
राज्य सरकार ने 24 अप्रैल 2000 को नलिनी की क्षमादान याचिका को मंजूर करते हुए फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया था। लेकिन अक्तूबर 2007 में नलिनी के समय पूर्व रिहाई के अनुरोध को अधिकारियों ने खारिज कर दिया था। नलिनी ने साल 2010 में भी जेल से बाहर आने की अर्जी लगाई थी, तब मद्रास हाई कोर्ट की बेंच ने इसे खारिज कर दिया था।
उम्रकैद में बदली थी नलिनी की फांसी
राजीव गांधी की हत्या के मामले में नलिनी मुरुगन, संथन और पेरारिवलन समेत 26 लोगों पर मुकदमा चला था। निचली अदालत ने इन सभी को फांसी की सजा सुनाई थी।