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राज्यपाल से खट्टर सरकार की बर्खास्तगी की मांग

चंडीगढ़: इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने हरियाणा की खट्टर सरकार को तुरंत बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन की मांग है। प्रतिपक्ष के नेता अभय चौटाला की अगुवाई में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आज राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी से मिला और पंचकूला में हुई हिंसा को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुये सरकार की बर्खास्तगी की मांग की और कहा कि सरकार ने राज्यपाल को भी गुमराह किया। उन्होंने पंचकूला हिंसा की कमीशन ऑफ इक्वायरी एक्ट 1952 के तहत जांच आयोग नियुक्त किया जाए ताकि सरकार के सभी पक्षों की जांच हो सके जिससे पिछले तीन वर्षों में कानून व्यवस्था की विफलता तथा उसके लिये जिम्मेदार लोगों का पता चल सके और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकार की पहली नाकामयाबी रामपाल मामले में उजागर हुई थी तथा दूसरी जाट आंदोलन और तीसरी डेरा मामले में दिखाई दी। उन्होंने आग्रह किया कि यह सरकार अब राज्य को और बर्बाद न करे और तत्काल इस्तीफा दे। चौटाला ने कहा कि यह सरकार निवेश के नाम पर सैर सपाटा करती रही और निवेश के लिये कोई नहीं आया। उन्होंने कहा कि पंचकूला हिंसा मामले पर हरियाणा की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खराब हुई है।

उसने 25 अगस्त को डेरा के फैसले के दिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों पंचकूला आने ही क्यों दिया। सरकार की कानून व्यवस्था के बारे में ढुलमुल नीति, योजनाबद्ध तरीके से परिस्थितियों को बिगडऩे देना और वोट बैंक की राजनीति के कारण तीन बार राज्य को हिंसा की तरफ जाने दिया है जिससे जान और माल दोनों की हानि हुई। उन्होंने कहा कि डेरा के अनुयायियों ने न केवल न्यायपालिका को आतंकित करने का प्रयास किया बल्कि न्यायपालिका और कानून में लोगों की आस्था तोडऩे का प्रयास हुआ। भाजपा और खट्टर सरकार के अनेक मंत्री समय-समय पर डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह से सहायता प्राप्त कर पहले वोट पाने और फिर उन्हें अपना वोट बैंक बनाने का प्रयास करते थे। श्री चौटाला ने कहा कि ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है।

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