नई दिल्ली| कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की ओर से राज्यसभा में दिए गए इस बयान पर आज निशाना साधा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की निष्ठा पर कभी सवाल नहीं उठाए. राहुल ने कहा कि भारत को यह याद दिलाने के लिए सरकार का शुक्रिया अदा करता हूं कि प्रधानमंत्री जो कुछ कहते हैं उसका कभी कोई मतलब नहीं होता है या जो कुछ उनका मतलब होता है वह कहते नहीं हैं. राहुल ने राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली की ओर से दिए गए बयान के कुछ घंटों बाद यह निशाना साधा.
गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान मोदी की ओर से मनमोहन के खिलाफ की गई एक टिप्पणी पर पैदा हुए विवाद के कारण सदन में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए जेटली ने यह बयान दिया. राहुल ने ट्वीट किया कि प्रिय जेटली जी, भारत को यह याद दिलाने के लिए आपका शुक्रिया कि हमारे प्रधानमंत्री जो कुछ कहते हैं उसका कभी कोई मतलब नहीं होता या जो उनका मतलब होता है वह कहते नहीं हैं.
Dear Mr Jaitlie – thank you for reminding India that our PM never means what he says or says what he means. #BJPLies pic.twitter.com/I7n1f07GaX
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 27, 2017
राहुल ने अपने ट्वीट के साथ प्रधानमंत्री मोदी की ओर से एक चुनावी रैली में दिए गए भाषण का वीडियो भी साझा किया, जिसमें मोदी ने मनमोहन पर आरोप लगाया था कि वह ‘‘पाकिस्तान के साथ साजिश कर रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने इस ट्वीट के साथ जेटली की ओर से राज्यसभा में दिया गया बयान भी साझा किया.
क्या था विवाद?
गुजरात के पालनपुर में चुनावी सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पाकिस्तान गुजरात के विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है. मोदी ने दावा किया था कि कुछ पाकिस्तानी अफसर और मनमोहन सिंह ने 6 दिसंबर को मणिशंकर अय्यर के घर पर डिनर के दौरान एक सीक्रेट मीटिंग की थी. इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व आर्मी डायरेक्टर जनरल अरशद रफीक ने यह बात कही कि गुजरात में अहमद पटेल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए साथ देना चाहिए.
मोदी के बयान पर मनमोहन ने किया था वार
मनमोहन सिंह ने मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर पोस्ट किया था. मनमोहन ने वीडियो में कहा था कि मैं उन आरोपों से बेहद दुखी और आहत हूं जो किसी और ने नहीं, बल्कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगाए हैं. उन्होंने कहा था कि यह बिल्कुल साफ है कि वह गुजरात चुनाव में हार को देखते हुए मायूसी की वजह से ऐसे आरोप लगा रहे हैं.
मनमोहन ने कहा था कि कांग्रेस को अपनी राष्ट्रभक्ति साबित करने की जरूरत नहीं, यह सभी जानते हैं. वह संविधान के दायरे में आने वाले पद को धूमिल करने की अपनी महत्वाकांक्षा की वजह से गलत परंपरा को बढ़ावा दे रहे हैं. मैं उनके आरोपों को खारिज करता हूं. मैंने मणिशंकर अय्यर की ओर से आयोजित किए गए डिनर में गुजरात चुनाव पर चर्चा नहीं की.