नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में जीएसटी विधेयक को पारित कराने में कांग्रेस के अड़ंगे पर पर्टी की अध्यक्ष सोनिया और उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि 2014 के चुनाव में मिली हार वे भन्नाए हुए हैं और राष्ट्रीय वृद्धि के रास्ते में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियां लगातार देश पर बोझ बनी हुई हैं जबकि वह इस विधेयक पर अलग-थलग पड़ गई है। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर संविधान संशोधन विधेयक के पारित पर देश में एक नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू होगी और जीएसटी से आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी तथा कीमतें कम होंगी। कांग्रेस के शोरगुल के कारण राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने के कुछ मिनट बाद जेटली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जीडीपी को गति मिलेगी। जीएसटी पेश करने को को लेकर एक आर्थिक आम सहमति है। लेकिन कुछ कारणों से कांग्रेस यह नहीं चाहती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब कांग्रेस सत्ता में थी, उसकी नीतियां देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ बन गई थी। अब जब वह विपक्ष में है, उसके बाद भी वह देश की अर्थव्यवस्था के लिये बोझ बनी हुई है।’’ जेटली ने कहा कि पार्टी बिल्कुल अलग-थलग पड़ गई है क्योंकि करीब-करीब कोई भी राजनीतिक पार्टी उसके सदन को बाधित करने के कार्यक्रम को समर्थन नहीं कर रही है। वित्त मंत्री ने सोनिया या राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘यह साफ है कि दोनों नेता 2014 की हार से बुरी तरह भन्नाए हुए हैं। और इसीलिए वे इस तथ्य को स्वीकार्य करने में नाकाम हैं कि गांधी परिवार के बाहर का कोई व्यक्ति भी इस देश को चला सकता है।’’ संसद के मानसून सत्र के गुरुवार को समाप्त होने से पहले जेटली ने सदन की समिति के सुझावों को शामिल करते हुए राज्यसभा में जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। लेकिन कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण इस पर चर्चा नहीं शुरू हो सकी। हंगामे के बीच उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि यह संविधान संशोधन विधेयक है इसलिए इसके पारित होने को लेकर सदन का सुचारु रूप से चलना जरूरी है। इसके बाद उन्होंने बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी। जेटली ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से कांग्रेस आत्मघाती रास्ते पर है। हम इसको लेकर कोई शिकायत नहीं कर सकते। लेकिन वह न केवल भारत की संसद को बाधित करना चाहती है बल्कि राष्ट्रीय वृद्धि के रास्ते में बाधा भी उत्पन्न करना चाहती है।’’ उन्होंने कहा कि बाधा उत्पन्न करने की राजनीति कांग्रेस तथा देश दोनों के लिए खतरनाक है। उन्होंने प्रमुख विपक्षी दल से कारणों को देखने और खासकर उन नीतियों के संदर्भ में सहयोग का रास्ता अपनाने की अपील की जिसका वे एक समय खुद ढिढोंरा पीटते रहते थे। जेटली ने कहा, ‘‘हम जीएसटी का समर्थन करने वाले सभी दलों के समर्थन के साथ सरकार की तरफ से इसे आगे बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राजनीतिक एवं संवैधानिक सभी सुधारात्मक उपाय करेंगे।’’