इंदौर: कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि मध्य प्रदेश की जनता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘चौकीदार ही चोर है’ के नारे को काफी सकारात्मकता से ले रही है। राहुल ने यह नारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए दिया था। सिंधिया ने कहा कि राज्य में राहुल की ‘मंदिर यात्रा’ से बीजेपी बैकफुट पर आ गई है। चुनावी रैलियों में सिंधिया को उनके अंदाज, आक्रामक भाषण शैली और बीजेपी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तीखे हमले के लिए सभी कांग्रेस नेताओं के बीच ज्यादा पसंद किया जाता है। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष के लिए उनकी जगह कमलनाथ का चयन किया था।
यह पूछे जाने पर कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय नेता होने पर भी वह मुख्यमंत्री पद का चेहरा क्यों नहीं हैं, सिंधिया ने कहा, ‘हम सभी मिलकर काम कर रहे हैं क्योंकि कांग्रेस के लिए यह अहम है कि हम सभी एकजुट हों। जब कांग्रेस सत्ता में आ जाएगी तो उसके बाद लोगों को जब तक विकास, सुरक्षा और जीविका मिलती रहेगी, मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठा है।’ जब उनके पूछा गया कि क्या किसी और के मुख्यमंत्री बनने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, सिंधिया ने कहा, ‘मैं सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मेरे राज्य के लोगों का विकास और तरक्की सुरक्षित हाथों में रहे। और यह सिर्फ कांग्रेस के हाथों में ही सुरक्षित रह सकता है।’
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जब एक पत्रकार ने पूछा था कि वह कमल नाथ और सिंधिया के बीच किसी एक को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार क्यों नहीं चुनते, राहुल ने कहा था, ‘कमल नाथ में अलग तरह की क्षमताएं और सिंधिया में अलग तरह की क्षमताएं हैं। इसलिए मुझे दोनों की क्षमताओं को साथ लेकर चलना होगा। मध्य प्रदेश के लोग तय करेंगे कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा। जहां तक मेरी बात है, मैं क्यों सिर्फ एक की क्षमता का उपयोग करूं? हम राजस्थान में भी इसी रणनीति पर काम कर रहे हैं।’ इस बीच सिंधिया ने ईटी से कहा कि मुझे नहीं लगता कि राफेल डील को लेकर ‘चौकीदार चोर है’ जैसे मोदी पर राहुल के हमले से पार्टी पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘ऐसी संभावना तब होती, जब हमें इसे लेकर भारी प्रतिक्रिया नहीं मिलती। लोगों ने मोदी सरकार की साजिश को समझ लिया है।’ सिंधिया ने कहा कि राहुल के मंदिरों में जाने से बीजेपी इस कदर परेशान है कि वह बौखलाकर उनका गोत्र पूछ रही है।