नई दिल्ली: राज्य सभा ने सोमवार को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान अपना बलिदान देने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सभी एम वेंकैया नायडू ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने नौ अगस्त 1942 को अंग्रेजों के खिलाफ ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की शुरुआत की थी। हमारे लंबे स्वतंत्रता संघर्ष में भारत छोड़ो आंदोलन बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी दौरान राष्ट्रपिता ने करो या मरो तथा स्वशासन का नारा दिया था, जिससे अंग्रेजों को लगने लगा था कि अब यहां शासन करना बहुत मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि दो वर्ष तक चले इस आंदोलन के दौरान सैकड़ों आंदोलनकारियों को जेल में डाल दिया गया था और उनके साथ बर्बरता की गई थी। इस आंदोलन के पांच साल बाद ही अंग्रेजों को देश छोड़ना पड़ा था। उन्होंने कहा कि जिन उद्देश्यों को लेकर स्वाधीनता हासिल की गई थी, आज उसे प्राप्त करने की जरूरत है। स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की स्वाधीनता, एकता और अखंड़ता को लेकर अपना बलिदान दिया था। बाद में सदस्यों ने शहीदों की स्मृति में मौन खड़े होकर श्रद्धांजलि दी।