रात में नींद पूरी न होने से हो सकते हैं ये नुकसान
नई दिल्ली: रात की नींद सभी को प्यारी होती है। कोई आठ घंटे तो कोई छह घंटे की नींद लेकर रिलेक्स महसूस करते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि जो लोग रात में ढंग से सो नहीं पाते हैं, वे सुबह में चिड़चिडे रहते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आपका दिमाग भावनाओं को नियंत्रित कर थकान के साथ समझौता कर लेता है। युवा, जो कि छह घंटे से कम नींद लेते हैं, उनके लिए ये एक खतरे की बात है।
टेल अवाइव यूनिवर्सिटी की टीम ने कुछ ऐसे न्यूरोलॉजिकल तंत्र को दोषी माना है, जो कि केवल एक रात कम समय सोने से भावनाओं को नियमित कर, चिंता और घबराहट को बढ़ावा देते हैं। टीएयू सैक्लर फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर तालमा हेंडलर का कहना था कि “अध्ययन से पहले, ये साफ तौर पर कहना मुश्किल था कि किस चीज़ की वज़ह से हमारी भावनाओं को नुकसान पहुंचता है”।
टीम का ऐसा मानना था कि नींद न पूरी होने की वज़ह से भावनाओं की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है, जो कि दिमाग के कार्य करने पर रुकावट पैदा कर सकता है। हेंडलर ने बताया कि “अध्ययन करने के बाद उन्हें पता चला कि रात की नींद अगर पूरी न हो, तो वह उदासीनता और भावनाओं दोनों पर असर डालती है”।
टीम ने पाया कि एक रात भी अगर इंसान की नींगद पूरी न हो तो वह अगली सुबह हर प्रकार की छवि या प्रतिरूप से भटकता है। फिर चाहे वह भावनाएं ही क्यों न हो।
ये जांच जरनल ऑफ न्यूरोसाइंस में प्रकाशित हुई है।