लखनऊ : वित्तीय वर्ष 2018-19 के आखिरी दिन 31 मार्च की देर रात तक परिवहन विभाग के आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों में वाहन संबंधी टैक्स जमा होते रहें। इस बार शासन की तरफ से परिवहन विभाग को वित्तिय वर्ष 2018-19 में 7400 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था। पूरे विभागीय राजस्व संकलन की बात करें तो वो अपने टारगेट के करीब पहुंच गया, जबकि लखनऊ में राजस्व लक्ष्य से चार फीसदी कम रहा। 31 मार्च को अंतिम दिन जहां 13 लाख रुपये बकाए टैक्स में कैश जमा हुआ तो 45 लाख से अधिक आॅनलाइन टैक्स जमा हुआ। जबकि रविवार को रात बारह बजे तक टैक्स जमा करने का आंकड़ा एक करोड़ के आसपास पहुंच गया। रविवार को ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ कार्यालय खुला रहा और ऐसे में बड़ी संख्या में टैक्स बकाएदार टैक्स जमा करने पहुंचे थे। एआरटीओ प्रशासन राघवेंद्र सिंह के अनुसार इस बार वाहनों की बिक्री अपेक्षाकृत कम होने से टैक्स उम्मीद के अनुसार नहीं जमा हुए। वहीं बड़े टैक्स बकाएदारों को तमाम नोटिस भेजने के बावजूद जब वो समय से टैक्स नहीं जमा किए तो इससे भी राजस्व संकलन पर काफी फर्क पड़ा।