राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को बड़ी राहत देते क्लीन चिट दी। जिसके बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में राफेल से जुड़ी गलत जानकारी पेश की। जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। कांग्रेस के वार पर पलटवार करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने कैंग को राफेल की कीमत बता दी हैं, संसदीय सिस्टम में रिपोर्ट को कैग देखता हैं। फिर यह पीएसी को भेजी जाती हैं। पीएसी के देखने के बाद यह रिपोर्ट सार्वजनिक हो जायेगी। यही प्रक्रिया हैं, इसका पालन किया गया हैं।
केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतामरण ने कहा कि हमने कोर्ट को दिए अपने हलफनामें में सभी सही जानकारी दी हैं। हम कोर्ट से अनुरोध करेंगे कि वह उसे एक बार फिर देखे। निर्मला सीतारमण ने कहा कि शपथपत्र में हमने डेटा और जानकारी दी है। हमें लगता है, अर्थ निकालने में कहीं समस्या हुई और हम चाहते हैं कि कोर्ट इसे देखे और सही करे, यही हमारी कोर्ट से अपील है, हम उनके इस पर फैसला करने की प्रतीक्षा करेंगे।
आपको बता दे कि राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर को सुनवाई पूरी कर मोदी सरकार को राहत पहुंचाई। सीजेआई ने सुनवाई करते हुए कहा कि राफेल सौदे को सही ठहराया और कोई संदेह न होने की बात कही। साथ ही, राफेल डील से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि राफेल डील में सुरक्षा और सौदे के नियम-कायदे दोनों को ध्यान में रखा गया हैं। इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं है कि विमान हमारी ज़रूरत हैं और उनकी गुणवत्ता पर सवाल नहीं किया जा सकता है।
इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिंब्बल ने मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ने के बाद ऐसा लगा कि हर पैरा में प्रेस रिपोर्ट का हवाला है और साथ ही इसमे सरकार के हलफनामे का भी हवाला है। जहां तक सरकार के हलफनामे का सवाल है तो लगता है कि कोर्ट ने सरकार की कुछ बातें मान ली हैं। सिब्बल ने कहा कि कोर्ट ने यह भी कहा कि अनच्छेद 32 के तहत हमारा अधिकार सीमित है इसलिए वह कुछ चीजों पर फैसला नहीं कर सकता।