राफेल विवाद पर फ्रांस कंपनी के CEO बोले -‘राहुल जी मैं झूठ नहीं बोलता’
2019 लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा मुद्दा राफेल डील है। राफेल को कांग्रेस मोदी सरकार का एक बड़ा घोटाला बताती है। देश के सबसे बड़े कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में भी इस मुद्दे को लेकर हंगामा मचा हुअा है। विपक्ष द्वारा कहा जा रहा है कि मोदी सरकार ने फ्रांस के साथ डील करके इस जहाज को तीन गुणा ज्यादा कीमत देकर जानबूझ कर खरीदा है। इससे मोदी सरकार ने अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचा कर देश के लोगों द्वारा मेहनत से कमाए जाने वाले पैसों का घोटाला किया है। इसी बीच अब फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर द्वारा एक बयान अाया है। CEO एरिक ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत में मोदी सरकार पर कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे सारे अारोप गलत हैं।
”उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने दसॉल्ट और रिलायंस के बीच हुए ज्वाइंट वेंचर के बारे में सरासर झूठ बोला है। उन्होंने कहा कि डील के बारे में जो भी जानकारी दी गई है वह बिल्कुल सही है, क्योंकि वे झूठ नहीं बोलते हैं। एरिक ट्रैपियर ने बताया कि उनकी कंपनी और कांग्रेस का रिश्ता काफी पुराना रहा है, उनकी पहली डील 1953 में जवाहर लाल नेहरु के रहते हुए हुई थी। भारत में हमारी डील किसी पार्टी से नहीं बल्कि देश के साथ है, हम लगातार भारत सरकार को फाइटर जेट मुहैया कराते हैं। हमने जो पैसा इन्वेस्ट किया है वह रिलायंस नहीं बल्कि ज्वाइंट वेंचर में है। उन्होंने कहा कि इस वेंचर में रिलायंस ने भी पैसा लगाया है, हमारे इंजीनियर इंडस्ट्रीयल पार्ट को लीड करेंगे। इससे रिलायंस को भी एयरक्राफ्ट बनाने का एक्सपीरियंस मिलेगा।”
CEO एरिक ने कहा कि ज्वाइंट वेंचर में 49 फीसदी हिस्सा दसॉल्ट और 51 फीसदी हिस्सा रिलायंस का है. इसमें कुल 800 करोड़ रुपये का इन्वेस्ट होगा, जिसमें दोनों कंपनियां 50-50 की हिस्सेदार होंगी. दसॉल्ट के सीईओ ने कहा कि ऑफसेट को जारी करने के लिए हमारे पास 7 साल थे, जिसमें शुरुआती 3 साल में कुछ तय नहीं हो पाया था. उसके बाद 40 फीसदी हिस्सा 30 कंपनियों को दिया गया, इसमें से 10 फीसदी रिलायंस को दिया गया।
बता दें कि क्रांगेस अध्यक्ष राहुल गांधी का अारोप है कि पीएम मोदी द्वारा एक राफेल जहाज लगभग 1600 करोड़ में खरीदा गया जबकि कांग्रेस के समय ये मात्र 530 करोड़ के अास पास था।