रामनवमी में किया जाता है हवन और कन्या पूजन, जानिए सही विधि
2 अप्रैल को रामनवमी का पर्व मनाया जाएगा। रामनवमी भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव है। भगवान श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था और इस साल यह तिथि 2 अप्रैल को पड़ रही है। रामनवमी पर्व सनातन परंपरा का बड़ा उत्सव है। इस दिन भगवान राम की उपासना के लिए विशेष तैयारियां की जाती हैं। भक्तों के द्वारा व्रत रखा जाता है। इस दिन हवन और कन्या पूजन का भी विधान किया जाता है। लेकिन रामनवमी में हवन करने के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
हवन सामग्री को जुटाएं
आम की लकड़ी, आम के पत्ते, पीपल का तना, छाल, बेल, नीम, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, मुलैठी की जड़, कपूर, तिल, चावल, लौंग, गाय की घी, इलायची, शक्कर, नवग्रह की लकड़ी, पंचमेवा, जटाधारी नारियल, गोला और जौ आदि हवन में प्रयोग होने वाली सभी सामग्री जुटाएं।
ध्यान रखने वाली बात
हवन पर बैठने वाले व्यक्ति को रामनवमी के दिन प्रातः जल्दी उठना चाहिए। शौच आदि से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करने चाहिए। वैदिक शास्त्रों में ऐसा लिखा है कि यदि हवन पति-पत्नी साथ में करें तो उसका विशेष फल प्राप्त होता है।
हवन विधि-
सबसे पहले किसी स्वच्छ स्थान पर हवन कुंड का निर्माण करें।
हवन कुंड में आम लकड़ी और कपूर से अग्नि प्रज्जवलित करें।
इसके बाद हवन कुंड में ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः का जाप करते हुए घी से माता के नाम की आहुति दें।
इसी के साथ अन्य देवी-देवताओं के नाम की आहुति दें।
इसके बाद संपूर्ण हवन सामग्री से 108 बार हवन सामग्री की आहुति दें।
हवन के बाद करें यह कार्य
हवन के बाद माता जी की आरति करें।
इसके बाद माता को खीर, हलवा, पूड़ी और चने का भोग लगाएं।
कन्याओं को भी भोजन कराएं। प्रसाद बांटें।
उन्हें दक्षिणा भी दें।