रामरहीम ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
पंजाब एण्ड हरियाणा हाईकोर्ट में दी सजा को चुनौती
चंडीगढ़: बलात्कार मामले में दोषी करार दिए गए डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम ने अपने खिलाफ सीबीआइ अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए इसे रद्द किए जाने की मांग की है। इससे पहले भी डेरा प्रमुख ने अपील दायर की थी। लेकिन उस पर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ने तकनीकी आपत्ति लगा दी थी। शनिवार को डेरा प्रमुख की तरफ से सभी तकनीकी आपत्ति दूर कर दोबारा अपील दायर की गई जिस पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है। डेरा मुखी गुरमीत सिंह राम-रहीम ने सीनियर एडवोकेट एस.के. गर्ग नरवाना के जरिए हाईकोर्ट में अपील दायर कर कहा है कि इस मामले में सीबीआइ अदालत ने उसे बिना उचित साक्ष्यों और गवाहों के उसे दोषी ठहरा सजा सुना दी है। जोकि तय प्रक्रिया के अनुसार गलत है।
डेरा मुखी ने कहा कि, पहले इस मामले में एफ.आई.आर. ही 2 -3 वर्षों की देरी से दायर हुई। यह एक गुमनाम शिकायत पर दर्ज की गई जिसमें शिकायतकर्ता का नाम तक नहीं था। पीडि़ता के बयान ही इस केस में सीबीआइ ने छह वर्षों के बाद रिकॉर्ड किये थे। सीबीआइ का कहना था कि, वर्ष 1999 में यौन शोषण हुआ था लेकिन बयान वर्ष 2005 में दर्ज किए गए। जब सीबीआइ ने एफ.आई.आर. दर्ज की तब कोई शिकायतकर्ता ही नहीं था।