(रायपुर) अहंकारी अपने अहंकार से और दोषी दुर्गुणों से मरता है
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रायपुर,(एजेंसी)। अति स्वार्थी लोग अपराध करते हैं, सत्य चतना से देखने पर परमात्मा नजदीक और स्वार्थ चेतना से देखने पर दूर नजर आते हैं। समाज को गलत राह पर न चलायें। कथा शारीरिक रोग को भी मिटाती है यदि श्रद्धा है। उपवास करना है तो वाणी व इंद्रियों का करें। नरक में रहना ज्यादा बेहतर है, लेकिन कुसंग में नहीं। अहंकारी अपने अहंकार से और दोषी दुर्गुणों से मरता है, उसे मारने की जरूरत नहीं। कोई मजाक दूसरों के लिए खतरा बन जाये, यह भी अपराध है। इंडोर स्टेडियम में चल रही श्रीराम कथा के छठवें दिन गुरुवार को कथा वाचक मोरारी बापू ने मानस प्रसंग व जीवन दर्शन को लेकर कई सारी बातें श्रद्धालुओं के समक्ष रखीं। बापू उन सवालों का जवाब भी देते रहे जो पर्ची में लिखकर श्रद्धालुओं द्वारा भेजे गये थे। एक सवाल यह था कि गुरु के लिए कोई अभद्र टिप्पणी करे, तो क्या करना चाहिए? बापू ने उन्हें समझाया कि आप यदि उसने सामने खड़े हों तो उसे बोलने दें जितना वह बोल सकता है और आप जब जवाब दो विवेक से दो। अभद्र टिप्पणी करने वाले से संग करने की जरूरत नहीं। बापू ने कहा कि अतिस्वार्थी लोग अपराध करते हैं। दुनिया सामाजिक विवादों से जकड़ गई है, सत्य की गहराई पर जाकर देखो तो सत्य ही निकलेगी।
दामोदर/मंजू/२१अप्रैल