रावण संहिता में बताये गए है धनवान बनने के कुछ उपाय, देखे आजमाकर…
8 अक्टूबर को दशहरा पूरे देश में बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा। इसे विजयादशमी भी कहा जाता है। विजयादशमी के ही दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। रावण को बुराई का प्रतीक मानकर लोग विजयादशमी के दिन रावण के पुतले जलाते हैं। भले ही रावण एक राक्षस था लेकिन उसके अंदर तमाम तरह के कई ऐसे गुण थे जिसकी प्रशंसा भगवान राम सहित सभी देवी-देवता करते थे। रावण को कई शास्त्रों का ज्ञान था। इसलिए उसे महान पंडित की पदवी भी हासिल थी।
रावण ने ज्योतिष और तंत्र विद्या में महारत हासिल कर रखी थी। रावण ने रावण संहिता की रचना की थी जिसमें उसने कई उपाय बताए थे जिसको अपनाकर कोई भी व्यक्ति अपनी किस्मत को चमका सकता है।दशहरे के अवसर पर आइए जानते हैं रावण संहिता के उपाय- – अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए लगातार 21 दिनों तक लगातार रूद्राक्ष की माला लेकर ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
– रावण ने रावण संहिता में दूर्वा को बहुत ही चमत्कारी माना गया है। धन प्राप्ति के लिए दूध में दूर्वा घास को माथे पर तिलक करने से धन की प्राप्ति होती है।
– रावण संहिता के अनुसार समाज में अपना यश बढ़ाने के लिए बिल्व पत्र को पीसकर चंदन लगाना चाहिए।
– धन से संबंधित सभी समस्याओं के निदान के लिए “ॐ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा” इस मंत्र का जाप लगातार 40 दिनों तक करने से महालक्ष्मी की कृपा बढ़ती है।