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राष्ट्रपति चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज शिवसेना और विपक्ष का कड़ा रुख

राष्ट्रपति चुनाव की तारीख तय होते ही चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। एक तरफ सत्तारूढ़ एनडीए की पुरानी सहयोगी शिवसेना ने चुनाव में अलग रुख अपनाने के संकेत दिए हैं, वहीं विपक्ष ने एक उप समूह का गठन कर उम्मीदवार तय करने का फैसला किया है। 
राष्ट्रपति चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज शिवसेना और विपक्ष का कड़ा रुख

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बृहस्पतिवार को शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा ‘हम आगामी राष्ट्रपति चुनाव में अपने वोट को लेकर अलग रुख अपना सकते हैं। हमने बार-बार कहा है कि हम हिंदू राष्ट्र के सपने को पूरा करने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत से अधिक सक्षम किसी को नहीं देखते हैं।’ गौरतलब है कि इससे पहले 2012 और 2007 के चुनाव में भी एनडीए की सहयोगी शिवसेना ने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोट नहीं दिया था। 

वहीं विपक्ष ने कांग्रेस के नेतृत्व में आम सहमति से राष्ट्रपति उम्मीदवार तय करने के लिए एक उप समूह का गठन किया है। अगले हफ्ते होने वाली इस समूह की बैठक में कम से कम नौ गैर एनडीए दलों के नेता के शामिल होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार इसमें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, जदयू नेता शरद पवार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव शामिल होंगे। 

कांग्रेस, जदयू, आरजेडी के अलावा लेफ्ट, तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा, एनसीपी और डीएमके के नेता भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संभावित उम्मीदवार का नाम 15 जून तक सामने आने की उम्मीद है।

 

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