राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद पहली बार जाएंगे अपने पैतृक गांव परौंख
कानपुर। बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद को जब 2017 में भाजपा ने राष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित किया तो उनके पैतृक गांव परौंख में स्थानीय, राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय मीडिया ने डेरा डाल दिया था। ऐसे में ‘हिन्दुस्थान समाचार’ ने भी उस दौरान बच्चों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक में गजब का उत्साह देखा। सभी लोग अपने बाबा को राष्ट्रपति बनना देखना चाहते थे। उन लोगों के अरमान तो पूरे गये लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद पैतृक गांव आने की तमन्ना अभी तक अधूरी ही रही। अब ख़ुशी इस बात की है कि बाबा अपने गांव प्रेसिडेंशियल स्पेशल ट्रेन से आ रहे हैं।
हालांकि राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद पांच बार कानपुर आए तो हर बार ग्रामीणों ने गांव आने का भावनात्मक आग्रह किया, लेकिन हमेशा प्रोटोकॉल आड़े हाथ आ जाता था। आखिरकार अब वह घड़ी 27 जून को आने वाली है जिसका ग्रामीणों का इंतजार था। राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद 25 जून को अपने चार दिवसीय दौरे पर अपनी शैक्षणिक स्थली कानपुर नगर आ रहे हैं। कानपुर के अपने छठें दौरे में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहली बार पैतृक गांव परौंख जाएंगे। ग्रामीणों से मिलने के साथ ही वह जनसभा को भी संबोधित करेंगे, जिसकी प्रशासनिक तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं।
राष्ट्रपति बनने के 52 दिन बाद पहली बार आए थे कानपुर
अपने बाबा को गांव में देखने के लिए बच्चे, युवा और बुजुर्ग लालायित हैं। खासकर राष्ट्रपति के उम्र की महिलाएं अपने बाबा को गांव में देखना चाहती हैं। दरअसल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का गांव में ग्रामीणों के बीच पद बहुत बड़ा है और वे अधिकांश लोगों के बाबा लगते हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति की शपथ लेने के 52 दिन बाद 15 सितम्बर, 2017 को अपनी शैक्षणिक स्थली कानपुर नगर आये थे। पहली बार के दौरे में उनका कार्यक्रम बिठूर के ईश्वरीगंज गांव में था जहां पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’ की शुरुआत की थी।
इसके बाद 14 फरवरी, 2018 को वीएसएसडी कॉलेज नवाबगंज आए थे। छह अक्टूबर, 2018 को मेडिकल कॉलेज में आयोजित फॉग्सी की अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। इसी दिन सीएसए में टैलेंट डेवलपमेंट काउंसिल के सेमिनार में हिस्सा लिया और नर्वल में झंडा गीत के रचयिता श्यामलाल गुप्त पार्षद की मूर्ति का अनावरण और प्रवेश द्वार का लोकार्पण किया था। 25 फरवरी, 2019 को बीएनएसडी इंटर कॉलेज चुन्नीगंज के पूर्व छात्रसंघ सम्मेलन और वार्षिक दिवस समारोह में शामिल हुए। इसी दिन धम्म कल्याण अंतर्राष्ट्रीय विपश्यना ध्यान केंद्र के नए ब्लॉक का उद्घाटन किया था।
पांचवीं बार 23 नवम्बर 2019 को सीएसजेएमयू आए थे। इन पांचो बार में एक भी बार न तो अपने पैतृक गांव परौंख गयें और न ही कानपुर नगर के कल्यापुर थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर में अपने निवास स्थान गये। हालांकि तीसरे दौरे के दौरान उनकी पत्नी सविता कोविंद सुरक्षाकर्मियों के साथ जरुर अपने इंदिरा नगर स्थित घर गईं, लेकिन राष्ट्रपति प्रोटोकाल के चलते अपने आवास और पैतृक गांव नहीं जा सके। यह अलग बात है कि इन दौरों के दौरान गांव के काफी लोगों से प्रोटाकाल के तहत मुलाकात कर आत्मीयता के साथ मिले।
पहली बार परौंख में बने पांच हेलीपैड
एसपी कानपुर देहात ने बताया कि परौंख में पांच हेलीपैड बनाए गए हैं। तीन हेलीपैड राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर के लिए और एक-एक मुख्यमंत्री और राज्यपाल के लिए हेलीकॉप्टर के लिए हैं। जनसभा वाले कार्यक्रम स्थल के सामने सड़क के दूसरी तरफ पांचों हेलीपैड बनाए गए हैं। इससे कि उतरने के बाद सीधे कार्यक्रम स्थल तक पहुंच सके। बताया कि राष्ट्रपति की जनसभा में पांच हजार लोगों के सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठने का इंतजाम किया गया है। इसमें परौंख गांव के साथ ही राष्ट्रपति के नजदीकी और आसपास के गांव के लोग शामिल हैं। इसके साथ ही भाजपा नेताओं की संख्या भी अच्छी खासी है।
चमकाए जा रहे हैं झींझक और रुरा स्टेशन
राष्ट्रपति 25 जून को प्रेसिडेंसियल सैलून ट्रेन से आएंगे। वह शाम 07 बजे कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचने से पहले झींझक स्टेशन और रुरा स्टेशन पर 30-30 मिनट रुकेंगे। दोनों स्टेशनों पर वह अपने परिवार और नजदीकियों से मिलेंगे। इसके बाद अगले दिन कानपुर नगर में कुछ लोगों से मुलाकात करेंगे फिर 27 जून को सुबह 9.55 बजे हेलीकॉप्टर से अपने पैतृक गांव परौंख कानपुर, देहात जाएंगे। गांव में कुल देवी पथरी देवी के मंदिर में पूजा में शामिल होंगे। इसके बाद प्राथमिक विद्यालय परौख (मॉडल प्राइमरी स्कूल), आंबेडकर पार्क, बारातशाला, मिलन केन्द्र (जो कि पहले महामहिम का आवास था) और वीरांगना झलकारी बाई इंटर कॉलेज परौंख जनसभा स्थल पहुंचेंगे। यहां पर आस-पास ग्राम पंचायतों के नौ ग्राम प्रधान राष्ट्रपति का स्वागत करेंगे। राष्ट्रपति के दोनों स्टेशनों पर रुकने को लेकर रेलवे विभाग स्टेशनों को चमकाने में जुटा हुआ है।