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नई दिल्ली : भारोत्तोलक संजीता चानू ( 53 किलो ) ने कमर की तकलीफ से जूझने के बावजूद एक नए रिकार्ड के साथ राष्ट्रमंडल खेलों में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीता। चानू ने कुल 192 किलो ( 84 और 108 किलो ) वजन उठाकर पीला तमगा जीता। वह पापुआ न्यू गिनी की लोआ डिका तोउआ से आगे रही जिसने 182 किलो वजन उठाया। कांस्य पदक कनाडा की रशेल ले ब्लां बाजिनेट ने 181 किलो वजन के साथ जीता। संजीता ने कहा, मैने राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में इससे बेहतर प्रदर्शन किया था लेकिन मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। पदक लेते समय संजीता रो पड़ी और पिछले कुछ महीने से अच्छे प्रदर्शन का दबाव पोडियम पर उनके आंसुओं के रूप में नजर आया। उसने कहा, कई लोगों ने कहा कि मैं पदक नहीं जीत सकती। पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप के दौरान मुझे कमर में चोट लगी थी और मैं पूरी तरह उबर नहीं सकी हूं । मैं अभी 90 प्रतिशत ही फिट हूं । संजीता ने बताया कि हमारे फिजियो को यहां आने की अनुमति नहीं मिली क्योंकि एक्रीडिटेशन का मसला था । मैं पदक समारोह के दौरान रो पड़ी क्योकि काफी दबाव था। चानू ने 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलो वर्ग में स्वर्ण जीता था। उसने भाीरत की स्वाति सिंह का ही ग्लास्गो में बनाया 83 किलो का स्नैच का रिकार्ड तोड़ा। संजीता ने पिछले साल राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में 195 किलो वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता था ।
वहीँ 21वें कॉमनवेल्थ खेलों में वेटलिफ्टिंग इवेंट में शुक्रवार को भारत को एक और पदक मिल गया। 69 किलो कैटेगरी में भारत के दीपक लाठेर ने ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया। दीपक ने स्नैच में 136 और क्लीन एंड जर्क में 159 किलोग्राम वजन उठाया, आखिरी प्रयास में उन्होंने 160 किलोग्राम का वजन उठाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कामयाबी हासिल नहीं हुई, उन्होंने कुल 295 किलोग्राम वजन उठाया, इसके साथ ही भारत की वेटलिफ्टिंग में पदकों की संख्या चार हो गई है, जिसमें दो गोल्ड एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल है । ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे 21वें कॉमनवेल्थ खेलों के पहले दिन भारतीय एथलीटों का प्रदर्शन अच्छा रहा, भारत को वेटलिफ्टिंग में दो मेडल मिले, दूसरे दिन भारत के कई बड़े एथलीट हाथ आजमाएंगे, उनसे भी मेडल की उम्मीद रहेगी ।