राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना चाहते हैं हरियाणा के सभी कांग्रेसी
चंडीगढ़ : हरियाणा के कांग्रेसी नेताओं के बीच भले ही आपसी घमासान चल रहा हो लेकिन राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपने के मुद्दे पर न केवल सभी नेता एक मंच पर आ गए बल्कि हुड्डा के प्रस्ताव पर अशोक तंवर, किरण चौधरी व कुमारी सैलजा ने मोहर लगाने का काम किया। प्रदेश प्रभारी कमलनाथ की मौजूदगी में इस तरह का अभूतपूर्व घटनाक्रम पहली बार हुआ। जिस तरह से कांग्रेस के सभी धड़े आज एक मंच पर दिखाई दिए उस तरह से अगर सामान्य दिनों में भी कांग्रेसी एकजुट हो जाएं तो प्रदेश के राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। आज यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हरियाणा के संगठनात्मक चुनावों के पीआरओ व पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप कुमार जैन ‘आदित्य’ की अध्यक्षता में हुई बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव रखा।
हुड्डा ने इस प्रस्ताव के माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह किया गया कि वह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाएं। हुड्डा के प्रस्ताव का सबसे पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ.अशोक तंवर, उसके बाद कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा ने अनुमोदन किया। बैठक में प्रदेशभर से पहुंचे कांग्रेस के करीब 200 नवनिर्वाचित डेलीगेट्स ने हाथ खड़े करके इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया। यह प्रस्ताव पास होने के बाद पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी कमलनाथ ने इसके लिए सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, आज देश की राजनीति नया मोड़ ले रही है। युवा शक्ति राजनीति में सक्रिय हो रही है और ऐसे में राहुल गांधी को प्रधान बनाए जाने से देशभर में पार्टी संगठन को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस ने यह जो शुरूआत की है, उसके दूरगामी नतीजे आएंगे।
बैठक में रोहतक से सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, राज्यसभा सांसद शादीलाल बतरा, पूर्व वित्त मंत्री कै. अजय सिंह यादव, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष फूलचंद मुलाना, पूर्व सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान, पूर्व सीपीएस रामकिशन फौजी, पूर्व सांसद रणजीत सिंह, विधायक डॉ. रघुबीर सिंह कादियान, आनंद सिंह दांगी, जयतीर्थ दहिया व रेणुका बिश्नोई, पूर्व सांसद नवीन जिंदल व श्रुति चौधरी, पूर्व विधायक आनंद कौशिक, चंद्रमोहन बिश्नोई, हरमोहिंदर सिंह, रामजीलाल, दुड़ाराम बिश्नोई, परमवीर सिंह आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।