Lok Sabha Election-2019 में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला।
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में राहुल गांधी ने नए चुने हुए सांसदों को संघर्ष का मंत्र दिया। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि कांग्रेस से जुड़े हर व्यक्ति को याद रखना चाहिए कि यह लड़ाई संविधान को बचाने के लिए है।
बता दें कि कांग्रेस के नवनिर्वाचित लोकसभा सांसदों (newly Congress parliamentarians) की पहली बैठक में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को चौथी बार कांग्रेस संसदीय दल (Congress Parliamentary Party) का नेता चुना गया। सोनिया गांधी साल 2014 से ही इस पद की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। यह बैठक ऐसे समय हुई, जब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कह चुके हैं कि वह अब पार्टी अध्यक्ष पद पर नहीं बने रहना चाहते हैं।
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने नवनिर्वाचित सांसदों को न्याय और संविधान के लिए संघर्ष की सीख देते हुए कहा कि हम 52 सांसदों को एकजुट होकर न्याय की लड़ाई लड़नी है। भले ही हमारी संख्या 52 ही क्यों न हो हम भाजपा से इंच-इंच की लड़ाई लड़ सकते हैं। हमारी लड़ाई जाति, धर्म, लिंग, रंगभेद से परे है। यह देश के हर उस नागरिक के लिए है जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में यकीन रखता है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने ट्वीट कर के बताया कि सोनिया गांधी को सर्वसम्मति से पार्टी संसदीय दल का नेता चुन लिया गया। इस मौके पर सोनिया गांधी ने कहा कि हम उन 12.13 करोड़ मतदाताओं को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी में विश्वास जताया है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में परिश्रम करने वाले पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का आभार जताया। बता दें कि 17वीं लोकसभा (17th Lok Sabha) का पहला सत्र 17 जून से शुरू हो रहा है जो 26 जुलाई तक चलेगा। नई सरकार पांच जुलाई को अपना बजट पेश करेगी।