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राहुल गांधी ने अपने विदेश दौरों में कब-कब ऐसा क्या बोला जिससे भाजपा की खड़ी हो गई भौंहे

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विदेश दौरों और उनके बयानों से भारत में सत्ता पक्ष भाजपा की भौंहें तन जाती हैं। विदेश दौरों में राहुल ऐसा बयान देते हैं जिससे भाजपा उनपर निशाना साध सके। एक बार फिर राहुल की जर्मनी यात्रा के दौरान ऐसा ही हुआ है। 

आपको बताते हैं राहुल की चार विदेश यात्राओं के बारे में और इन दौरों में राहुल ने क्या कहा:

1. हैम्बर्ग में राहुल गांधी – अगस्त, 2018
2. बहरीन में राहुल गांधी – जनवरी, 2018
3. बर्कले यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी – सितंबर, 2017
4. टाइम्स स्क्वायर में राहुल गांधी – सितंबर, 2017

1. हैम्बर्ग में राहुल गांधी

राहुल गांधी बुधवार को चार दिवसीय दौरे के लिए जर्मनी और ब्रिटेन रवाना हुए। सबसे पहले जर्मनी पहुंचे गांधी ने हैम्बर्ग के बुसेरियस समय स्कूल में छात्रों को संबोधित किया। यहां राहुल ने पिता को खोने के बाद के अपने दिल के जज्बातों को बयां किया। साथ ही राहुल गांधी ने यह राज भी खोला कि भारतीय संसद में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले क्यों लगाया था। इसके साथ ही राहुल ने भारत में रोजगार की समस्या, महिला सुरक्षा, दलित मसले और मॉब लिंचिंग पर खुलकर बात की।

हैम्बर्ग में एक कार्यक्रम में मोदी को गले लगाने के सवाल पर राहुल ने कहा, ‘इसके पीछे मूल विचार यह है कि यदि कोई आपसे घृणा करता है, तो यह उसका अंदाज है, लेकिन उसी अंदाज में घृणा से उसका जवाब देना मूर्खता है। उससे किसी समस्या का हल नहीं निकलेगा।

आप अपनी भावना कैसे व्यक्त करते हैं उस पर आपका पूरा नियंत्रण होता है। हालांकि उन्होंने कहा कि खुद उनकी पार्टी के कुछ सदस्यों को उनका मोदी से गले मिलना अच्छा नहीं लगा था। 

चार दिन के ब्रिटेन और जर्मनी के दौरे पर पहुंचे राहुल ने हिंसा पर बात करते हुए कहा कि मेरे परिवार के दो लोगों, मेरे पिता और दादी की हत्या हुई है। हिंसा से हिंसा को खत्म नहीं किया जा सकता। उससे अहिंसा से ही निपटा जा सकता है।

राहुल ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी को सही तरीके से लागू नहीं करने से बेरोजगारी बढ़ी है। जिससे लोगों में गुस्सा पैदा हो रहा है और भीड़ हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत में रोजगार की बड़ी समस्या है, लेकिन प्रधानमंत्री उस पर बात नहीं करना चाहते। चीन हर रोज पचास हजार लोगों को रोजगार देता है, जबकि भारत में रोजाना 400 लोगों को ही रोजगार मिलता है। 

इसके अलावा कार्यक्रम में राहुल ने महिला सुरक्षा, दलित मसले और मॉब लिंचिंग पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ों को अब सरकारी लाभ नहीं मिलता। गरीबों की योजनाओं का पैसा अब महज चंद बड़े कॉरपोरेट को दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत चीन के मुकाबले अमेरिका के ज्यादा करीब है, फिर भी भारत अपने हित में फैसले लेगा। 

2. बहरीन में राहुल गांधी

इसी साल जनवरी के महीने में राहुल गांधी ने बहरीन की यात्रा के दौरान वहां भारतीयों को संबोधित किया था। इस भाषण में भी राहुल ने मोदी सरकार की नीतियों और काम करने के तरीकों पर जमकर हमला बोला। 

राहुल गांधी ने बहरीन में रह रहे भारतीयों से कहा कि, “मैं आपको यह बताने आया हूं कि भारत इस समय संकट में है और आप देश की मदद कर सकते हैं। मैं ऐसे भारत की कल्पना भी नहीं कर सकता, जहां देश का हर नागरिक खुद को देश का हिस्सा न समझे।” 

गांधी ने कहा, नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। बेरोजगारी के मुद्दे पर राहुल ने कहा, भारत में रोजगार सृजन पिछले आठ सालों के सबसे निचले स्तर पर है। देश में बैंक क्रेडिट ग्रोथ पिछले 63 सालों के निम्नतम स्तर पर है। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और गुस्से में दिखाई दे रहे हैं। देश में बांटने वाली ताकतें तय कर रही हैं कि लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। समाज में हर तरफ नफरत फैलाई जा रही है। दलितों को पीटा जा रहा है, पत्रकारों को धमकाया जा रहा है। 

राहुल ने यह भी कहा कि संवेदनशील मामलों की जांच कर रहे जजों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो रही है। 

राहुन ने कहा कि कोई किसी को धमका रहा है तो सरकार इस पर चुप्पी साध लेती है। देश में फिर से भाईचारा और अहिंसा फैलाने के लिए हमें आपकी मदद की जरूरत है। 

3. बर्कले यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी

साल 2017 के सितंबर में अपने दो हफ्ते के अमेरिकी दौरे के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बर्कले की मशहूर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में संबोधन किया था। इस दौरे में भी राहुल ने अपने भाषण में नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। राहुल ने नफरत और हिंसा की राजनीति, नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान, कश्मीर नीति के बारे में खुलकर अपने ख्याल रखे थे। 

कश्मीर नीति पर राहुल गांधी ने कहा कि नौ साल मैंने मनमोहन सिंह, चिंदबरम, जयराम नरेश के साथ मिलकर कश्मीर पर काम किया। जब मैंने शुरू किया था तब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था, साल 2013 में मैंने मनमोहन को गले लगाकर कहा कि आप की सबसे बड़ी सफलता कश्मीर में आतंकवाद को कम करना है। हमनें इस पर बड़े भाषण नहीं दिए, हमने वहां पर पंचायती राज पर काम किया, छोटे स्तर पर लोगों से बात की।

राहुल ने कहा कि अगर कश्मीर में सुरक्षाकर्मी में मेरे पास खड़े हैं, तो मतलब कश्मीर में कुछ ठीक नहीं है। 2013 में मेरे साथ सुरक्षाकर्मी नहीं बल्कि आम लोग खड़े थे। लेकिन साल 2014 में फिर कश्मीर में सुरक्षाकर्मियों की जरूरत पड़ गई। हमने भारत विरोधी सोच को खत्म करने में कामयाबी पाई थी। कश्मीर में कई पार्टियां हैं, पीडीपी ने नए लोगों को राजनीति में लाने का काम किया लेकिन बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद ये चीज बंद हो गई। अब वो ही युवा लोग आतंकवादियों के पास जा रहे हैं। बीजेपी ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए कश्मीर का नुकसान किया। 

राहुल ने उस समय भी नोटबंदी से छोटे व्यापारियों के हुए नुकसान का जिक्रा किया था। उन्होंने कहा था, “संसद को अंधेरे में रखकर नोटबंदी लाई गई, नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में गिरावट आई।” इसके साथ ही उन्होंने कहा था, “आज नफरत और हिंसा की राजनीति हो रही है। हिंसा का मतलब मुझसे बेहतर कौन जान सकता है क्योंकि इसमें मैंने अपनी दादी और पिता को खोया है।”

राहुल ने कहा था, “हमने सूचना का अधिकार दिया, लेकिन मोदी सरकार ने इसे दबा दिया। अब सरकार में क्या हो रहा है, लोगों को नहीं पता। सांप्रदायिक ताकतें मजबूत हो रही हैं, उदारवादी पत्रकारों को गोली मार दी जा रही है।” 

4. टाइम्स स्क्वायर में राहुल गांधी

दो हफ्ते के अमेरिका दौरे के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आखिरी दिन न्यूयॉर्क में ऐतिहासक टाइम्स स्क्वायर में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया।  गांधी ने भारत में बढ़ती हिंसक घटनाओं और असहिष्णुता को लेकर मोदी सरकार को घेरा। राहुल ने कहा कि भारत को हजारों सालों से एकता और शांति के साथ रहने के लिए दुनियाभर में जाना जाता है, लेकिन कुछ ताकतें भारत को बांट रही हैं और दुनिया में भारत की छवि खराब कर रही हैं। 

बेरोजगारी के सवाल को उठाते हुए राहुल ने कहा, “भारत में 30 हजार युवा हर दिन जॉब मार्केट में आते हैं, मगर उनमें से सिर्फ 450 को ही रोजगार मिल पाता है। यह परिस्थिति आज भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।” 

इस समस्या की वजह बताते हुए राहुल ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। राहुल ने कहा, “रोजगार की समस्या इसलिए पनप रही है क्योंकि आजकल सिर्फ 50-60 कंपनियों पर ही फोकस किया जा रहा है। अगर रोजगार बढ़ाने हैं तो छोटी और मझोली कंपनियों को भी बढ़ावा देना होगा।” 

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