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राहुल गांधी ने NYAY के लिए इन देसी-विदेशी इकोनॉमिस्ट से ली सलाह

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो देश के 5 करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 72,000 रुपये की आय की गारंटी दी जाएगी. न्यूतनम आय योजना यानी NYAY कहलाने वाली इस स्कीम का विवरण अभी साफ नहीं है और संभवत: कांग्रेस के मेनिफेस्टो में इसका ब्योरा दिया जाएगा, लेकिन इसे अब तक की कांग्रेस की सबसे महत्वाकांक्षी और देश की सबसे बड़ी योजना की तरह देखा जा रहा है. इस बड़ी योजना के पीछे किसका दिमाग है, किसने इसके बारे में कांग्रेस को दी है सलाह? आइए जानते हैं.

राहूल ने अपनी इस योजना को ‘गरीबी पर अंतिम वार’ की तरह बताया है जिसके दायरे में देश के करीब 20 फीसदी लोग आएंगे. राहुल ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि इसके बारे में पूरा खाका तैयार कर लिया गया है और देश-विदेश के कई एक्सपर्ट की राय ली गई है. अर्थशात्रियों में इस योजना को लेकर राय बंटी हुई है. कई इकोनॉमिस्ट जहां इसे गेम चेंजर मान रहे हैं, तो कई से बेवकूफी और अव्यावहारिक भी बता रहे हैं. इस योजना के लिए खजाने पर सालाना 3.6 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा, इसलिए इसे वित्तीय अनुशासन को बर्बाद करने वाला भी माना जा रहा है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे कांग्रेस का एक मजाक और गरीबों के साथ धोखा बताया है.

ये हैं योजना के पीछे के दिमाग

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम की अगुवाई में पिछले कई महीने से कांग्रेस की मेनिफेस्टो कमिटी इस पर काम कर रही है कि लोकसभा चुनावों के लिए क्या वादे किए जा सकते हैं. द प्रिंट के मुताबिक साल 2015  में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले ब्रिटिश इकोनॉमिस्ट एंगस डीटोन और फ्रेंच इकोनॉमिस्ट थॉमस पिकेट्टी ने गरीबों के लिए न्यूनतम आय योजना लाने के बारे में कांग्रेस को सलाह दी है. इसके अलावा इस योजना के लिए इकोनॉमिस्ट अभिजीत बैनर्जी और रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से भी सलाह ली गई है.

आय असमानता पर काम करने वाले पिकेट्टी ने बीबीसी से बातचीत में यह कहा था कि वह इस प्रस्ताव के डिजाइन में सीधे तो शामिल नहीं रहे हैं, लेकिन इसका समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं भारत में आय असमानता को कम करने के सभी प्रयासों का निश्चित रूप से समर्थन करता हूं. खासकर इस बात का कि भारत में जाति आधारित राजनीतिक बहस को आय और संपदा के पुनर्वितरण जैसे वर्ग आधारित बहस की तरफ ले जाना चाहिए.’

कांग्रेस को सलाह देने वाले भारतीय अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बैनर्जी अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं. हाल में वह रिटायर्ड अफसर शक्तिकांत दास को रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाने के लिए मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा था कि रघुराम राजन भी उन शीर्ष अर्थशास्त्रियों में शामिल थे, जिनसे न्यूनतम आय योजना का प्रारूप तैयार करने के लिए पार्टी ने सलाह ली है. रघुराम राजन ने राहुल गांधी के प्रस्ताव पर एक टीवी चैनल से कहा था, ‘असल बात ब्योरे की है. यह अतिरिक्त होगा या तमाम पहले से चल रही चीजों की जगह? हम गरीबों की पहचान कैसे करेंगे? अक्सर यह देखा गया है कि गरीबों को सीधे धन देने से उनका सशक्तीकरण होता है. वे अपनी जरूरतों की सेवाएं हासिल करने के लिए इस धन का इस्तेमाल करते हैं.’

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