कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात के बाद कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर अब ढी़ले पड़ते दिख रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि राहुल व प्रियंका से मुलाकात में ऐसा क्या हुआ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से विवाद में पड़े सिद्धू अब शांत हैं। उन्होंने अपना विभाग बदले जाने के बाद पिछले दो दिनों में अपना कार्यभार तो नहीं संभाला है, लेकिन वह आज कार्यभार संभाल सकते हैं। दूसरी ओर, सीनियर कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने सिद्धू की राहुल गांधी से मुलाकात पर बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा कि सिद्धू ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। अब वह दिल्ली जाएं या कोलकाता कोई फर्क नहीं पड़ता।
बता दें कि कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मंत्रियों के विभागों में फेरबदल के बाद कार्यभार तो नहीं संभाला है, लेकिन वह कांग्रेस की टॉप लीडरशिप से मिलने नई दिल्ली पहुंच गए। सिद्धू कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिले व अपनी बात रखी। उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग में अपने कामकाज के हिसाब के संग-संग मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ विवाद पर अपना पक्ष भी रखा। बताया जाता है कि सिद्धू को राहुल और प्रियंका से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला। इसके बाद सिद्धू पूरे मामले में खाली हाथ लौट आए। पूरी स्थिति के कारण पंजाब कांग्रेस असमंजस और संशय की स्थिति में है।
सिद्धू ने मंगलवार को भी बिजली विभाग की जिम्मेदारी नहीं संभाली। सचिवालय में सबकी नजरें पांचवें फ्लोर पर सिद्धू के कार्यालय की ही तरफ है। कांग्रेस सरकार को इस बात की चिंता भी है कि 13 जून से धान की रोपाई का सीजन शुरू हो रहा है, लेकिन सिद्धू ने विभाग की जिम्मेदारी नहीं संभाली। दूसरी तरफ रोपाई को लेकर मुख्यमंत्री पहले ही निर्विघ्न आठ घंटे बिजली देने की घोषणा कर चुके हैं।
जानकारी के अनुसार सिद्धू मंगलवार को दिल्ली से चंडीगढ़ लौट आए। उसके बाद वह अपने सरकारी आवास पर ही रहे। बिजली विभाग के कुछेक अधिकारियों ने उनसे मुलाकात भी की। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि वह बुधवार को बिजली विभाग की जिम्मेदारी संभाल लेंगे। बता दें सिद्धू ने सोमवार को राहुल और प्रियंका वाड्रा से नई दिल्ली में मुलाकात की थी। राहुल ने उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया।
राहुल का समर्थन न मिलने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि क्या सिद्धू मंत्री पद पर बने रहेंगे? उनके कोई ठोस कदम उठाने की भी चर्चा थी लेकिन उससे पहले मंगलवार को वह सरकारी कोठी पर लौट आए। आते ही उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों से मुलाकात भी की। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि सिद्धू आज ऊर्जा विभाग का कार्यभार संभाल सकते हैं।
धान का सीजन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि किसानों को आठ घंटे बिजली की आवश्यकता होती है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आठ घंटे बिजली देने की घोषणा कर चुके हैं। उस कारण चर्चा थी की अगर सिद्धू महकमे की जिम्मेदारी नहीं संभालते है तो एक नया विवाद खड़ा हो सकता है क्योंकि पहले भी सिद्धू कांग्रेस विधायक दल की बैठक और कैबिनेट बैठक से गायब रहे थे।
उधर, श्री आनंदपुर साहिब के सांसद व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी हाेशियारपुर के गढ़शंकर में सिद्धू पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के बयानों से कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में नुकसान हुआ है। सिद्धू अब दिल्ली जाएं या कोलकाता, कोई फर्क नहीं पड़ता। पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सर्वेसर्वा हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू को कांग्रेस में आए अभी मात्र दो साल हुए हैं। उन्हें कांग्रेस के कल्चर का ही पता नहीं है। पंजाब में सभी कैबिनेट मंत्रियों को मुख्यमंत्री कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह के नक्शे कदम पर चल कर सीखना चाहिए। कैप्टन की राजनीति और सरकार चलाने की समझ बहुत अच्छी है। तिवारी ने कहा कि बसपा के पक्ष में दोआबा के लोगों को झुकाव चिंता की बात है। 2022 में कांग्रेस पंजाब में पहले से भी बड़ी जीत दर्ज करेगी। कंडी विकास बोर्ड का जल्द गठन किया जाएगा। कंडी क्षेत्र के विकास के लिए विशेष प्रोजेक्ट बनाया जाएगा। यहां उद्योग लगाने पर विशेष छूट दी जाएगी।