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रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने ग्रामीण बैंकों को दी बेहतर रियायत

आरबीआई 17 जून को 40 हजार करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगा साथ ही दूसरी तिमाही में 1.20 लाख करोड़ रुपये की प्रतिभूति खरीदी जाएंगी। रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा हमारा अनुमान है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डालर से ऊपर निकल गया है।

नई दिल्‍ली : आरआरबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों) को रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने बड़ी राहत दी है। मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि अब आरआरबी डिपॉजिट का सर्टिफिकेट जारी कर सकते हैं। एक तरह से आरबीआई क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के लिए बैंकिंग का दायरा बढ़ा रहा है। इससे पहले आरबीआई ने बीते दिसम्बर में तरलता बनाए रखने की सुविधाओं को मंजूरी दी थी। इसके तहत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भी तरलता समायोजन सुविधा, सीमांत स्थायी सुविधा और कॉल, नोटिस मनी मार्केट का फायदा उठा रहे हैं। पहले इन बैंकों के पास रिजर्व बैंक की तरलता सुविधाओं अथवा कॉल, नोटिस मनी मार्केट तक पहुंचने की इजाजत नहीं थी।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक मनी मार्केट में बढ़ती भागीदारी को देखते हुए और बेहतर तरलता प्रबंधन को सुविधाजनक बनाने के लिए आरआरबी को अब आरबीआई के एलएएफ और एमएसएफ सुविधाओं और कॉल, मनी मार्केट सुविधा का फायदा उठाने की मंजूरी दी जाती है। कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए नरम मौद्रिक नीति बनाए रखने का भरोसा देते हुए रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत के मौजूदा स्तर पर बनाए रखा है। आरबीआई ने कोविड-19 की दूसरी लहर और उससे निपटने के लिए राज्यों में लगाये गये लाकडाउन और कर्फ्यू के बीच चालू वित्त वर्ष 2021-22 की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को पहले के 10.5 प्रतिशत से घटा कर 9.5 प्रतशत कर दिया। यह लगातार छठीं समीक्षा है जिसमें केंद्रीय बैंक ने अपनी एक दिन के उधार की ब्याज दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया।

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की समीक्षा बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि प्रमुख ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा गया है और आर्थिक वृद्धि को बजबूत बनाने में मदद के लिए मौद्रिक नीति में नरम रुख जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 10.5 प्रतिशत से घटा कर 9.5 प्रतिशत किया है। दास ने कहा कि मानसून सामान्य रहने से आर्थिक वृद्धि में मदद मिलेगी। रिजर्व बैंक का अनुमान है कि खुदरा मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.1 प्रतिशत रहेगी। समिति का अनुमान है कि मुद्रास्फीति में हाल में आई गिरावट से कुछ गुंजाइश बनी है, आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिये सभी तरफ से नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है।

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