नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने 2016 में देश में नोटबंदी की घोषणा की थी। नोटबंदी के साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को एक अहम निर्देश दिया है। आईबीआई ने कहा कि 8 नवंबर 2016 से लेकर 30 दिसंबर 2016 की अवधि की दौरान अपने ब्रांचेज और करेंसी चेस्ट की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को अगले आदेश तक अपने पास सुरक्षित रखें। यानी सभी बैंकों को नोटबंदी के दौरान हुई गतिविधियों की रिकॉर्डिंग संभाल कर रखनी होगी।
कालाधन और आतंकी फंडिंग के लिए की गई थी नोटबंदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को देश भर में 1,500 पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा की थी। मोदी सरकार ने कालाधन पर रोक लगाने और आतंकी फंडिंग पर लगाम कसने के मकसद के लिए 500 और 1000 रुपए के नोटों पर प्रतिबंध लगाया था। इसके साथ ही सरकार ने जनता को मौका दिया था कि वो बंद हुए नोटों को अपने बैंकों में जमा करवाके इसके बदले में नए नोट सकते है। बंद हुए नोटों के स्थान पर 500 रुपए और 2,000 रुपए के नए नोट जारी किए। बंद हुए नोटों अपने बैंक अकाउंट में जमा करने लिए देशभर में बैंकों की शाखाओं के बाहर भारी भीड़ नजर आई थी। कई इनपुट के आधार पर जांच एजेंसियों ने अवैध रूप से नए नोटों की जमाखोरी के मामलों की भी जांच शुरू की है। इस तरह की जांच को सुविधाजनक बनाने के लिए, रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि वे अगले आदेश तक नोटबंदी की अवधि की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को नष्ट न करें।
आरबीआई के इस आदेश का उद्देश्य है कि प्रवर्तन निदेशालय और अन्य जांच एजेंसियों को नोटबंदी की अवधि के दौरान अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिले सके। आरबीआई की ओर से जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि जांच एजेंसियों की पेंडिंग जांच, कोर्ट में पड़े कई लंबित मामलों को देखते हुए यह निर्देश दिए जा रहे हैं। अगले आदेश तक सभी बैंक 8 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक अपनी शाखाओं और करेंसी चेस्ट की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को अगले आदेश तक सुरक्षित रखें।