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रिजल्ट आने के पहले ही सपा-बसपा को मिलाने के लिए सक्रिय हुईं कांग्रेस

यूपी में पूर्ण बहुमत न मिलने पर सपा के बसपा से हाथ मिलाने की संभावना पर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। यूपी के एक्जि‌ट पोल में भाजपा को बढ़त मिलती देख अब तक धुर विरोधी रहे सपा के अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के सुर बदलते दिखाई दिए। जहां अखिलेश यादव ने इशारों में मायावती से हाथ तक मिलाने की बात कर डाली, वहीं मायावती ने भी सीधे तौर पर इनकार न करते हुए 11 मार्च के बाद उसपर जवाब देने की बात कही। 
रिजल्ट आने के पहले ही सपा-बसपा को मिलाने के लिए सक्रिय हुईं कांग्रेस
 

इस बीच खबर आ रही है कि मायावती और अखिलेश यादव को एक साथ लाने के लिए पर्दे के पीछे से कांग्रेस और जेडीयू कई महीनों से कोशिश कर रही है। नवभारत टाइम्स अखबार के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के एक करीबी वरिष्ठ नेता बीते दो महीनों से मायावती और अखिलेश को साथ लाने के लिए कोशिशें कर रहें हैं। नीतिश कुमार और कांग्रेसी नेता इसके लिए दो महीनों में दो बार बात भी कर चुके हैं।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सपा और बसपा के बीच पूर्व में कड़ुवाहट को देखते हुए इनके बीच किसी तरह के गठबंधन को असंभव माना जाता रहा है लेकिन सपा का नेतृत्व मुलायम के हाथों से निकल अखिलेश के हाथों में आने से इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

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