रिटेल में महंगाई दर घटकर 3.41 फीसदी
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नई दिल्ली। खुदरा कीमतों के हिसाब से महंगाई दर घटी है। दिसंबर में रिटेल महंगाई दर नंबर के 3.63 फीसदी से घटकर 3.41 फीसदी रही। पिछले माह खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर 2.11 फीसदी से घटकर 1.37 फीसदी रह गई।
गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में सब्जियों के भाव बढ़ने के बजाए 14.59 फीसदी घट गए। नवंबर में भी सब्जियां 10.29 फीसदी सस्ती हुईं थी। माह दर माह आधार पर दिसंबर में ईंधन और बिजली की महंगाई दर 2.80 फीसदी से बढ़कर 3.77 फीसदी हो गई।
लेकिन, इस दौरान कपड़े और जूतों की महंगाई दर 4.98 फीसदी से घटकर 4.88 फीसदी रह गई। महंगे हुए खाद्यान्नदिसंबर के दौरान रिटेल में खाद्यान्न महंगाई दर 4.86 फीसदी से बढ़कर 5.25 फीसदी हो गई।
लेकिन, इस दौरान दूध और दूध से बने उत्पादों की महंगाई दर नवंबर के 4.57 फीसदी के मुकाबले 4.40 फीसदी रह गई। दिसंबर में दालों के भाव भी घटे हैं।
दालहन की महंगाई दर -1.57 फीसदी रही है, जो नवंबर में 0.23 फीसदी थी। इस दौरान शहरी परिवारों के लिए महंगाई दर 5.04 फीसदी से घटकर 4.98 फीसदी रह गई, जबकि चिनी और चिनी से तैयार उत्पादों की महंगाई दर नवंबर के 22.40 फीसदी के मुकाबले दिसंबर में 21.06 फीसदी हो गई।
दुनिया में लगातार पांचवें साल सस्ती हुईं खाने-पीने की चीजें मुंबई। एजेंसीग्लोबल मार्केट में अनाज, मीट और डेयरी उत्पाद जैसी खाने-पीने की चीजों के दाम लगातार पांचवें साल घटे हैं। इस वजह से चीनी और खाद्य तेल की कीमतों हुई बढ़ोतरी बेअसर हो गई। संयुक्त राष्ट्र की फूड एजेंसी (एफएओ) ने गुरुवार को ऐसा कहा।
एफएओ के फूड प्राइस इंडेक्स के मुताबिक नवंबर के मुकाबले दिसंबर में कीमतें करीब-करीब स्थिर रहीं। जनवरी में यह इंडेक्स 7 साल का निचला स्तर छूने के बाद हल्का चढ़ा है। वैसे 2016 की पूरी अवधि में यह सूचकांक 1.5 फीसदी गिरा है।
इसका मतलब है कि इस दौरान पूरी दुनिया में खाने-पीने की चीजों के दाम औसतन घटे हैं।अनाज के भाव टूटे2016 के दौरान लगातार अनाज के भाव में गिरावट जारी रही।
2011 के सर्वोच्च स्तर से इनमें 39 फीसदी गिरावट आई। लेकिन, दिसंबर में खाद्य तेल की कीमतें जुलाई, 2014 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं।
जारी रह सकती है गिरावट
एफएओ के वरिष्ठ अर्थशास्त्री अब्दुलरेजा अब्बासिन ने कहा, “हमें लगता है कि आर्थिक अनिश्चितता और मुद्रा बाजार की चाल साल की बाकी अवधि में भी खाने-पीने की चीजों के बाजार पर असर डालेगी।”