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रिपोर्ट में दावा भारत में 2015 में बढ़ी असहिष्‍णुता

एजेंसी/ intolerance_03_05_2016नई दिल्ली। यूएस कमिशन फॉर इंटरनेशनल रिलिजस फ्रीडम (USCIRF) की वार्षिक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्ष 2015 में भारत में सहिष्णुता को नुकसान पहुंचा और धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन वाली घटनाओं में वद्धि हुई।

टाईम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार इन घटनाओं के लिए लिए भारत के धार्मिक नेताओं को सबसे अधिक जिम्मेदार माना गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि धार्मिक नेताओं और अधिकारियों ने समुदायों के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की जिसके लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक फटकार भी खानी पड़ी। कमीशन का कहना है कि वर्ष 2016 में में हालात का विश्लेषण करने हेतु वह भारत में होने वाली घटनाओं पर बारीकी से नजर रखेगा।

USCIRF ने धार्मिक स्वतंत्रता और नीतियों के संबंध में भारत सरकार के साथ द्विपक्षीय बातचीत करने का भी सुझाव दिया है। USCIRF रिपोर्ट्स विदेश विभाग के लिए बाध्यकारी नहीं होती हैं। दिलचस्प बात यह है कि, यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले महीने अमेरिका यात्रा प्रस्तावित है जहां पर वो द्विपक्षीय बातचीत के अलावा अमेरीकी कांग्रेस के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने वाले हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वर्ष 2015 के दौरान भारत में धार्मिक सहिष्णुता बदतर हो गई और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बढ़ गया। अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर, ईसाई, मुस्लिम, और सिखों को धमकी, प्रताड़ना, और हिंसा जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ा, जिसमें अधिकतर हिंदू राष्ट्रवादी समूहों का हाथ था।’

इस वर्ष के आरम्भ में भारत सरकार ने यूएससीआईआरएफ के सदस्यों को वीजा देने से इंकार कर दिया था। हालांकि, इससे पहले सत्ता में रही यूपीए सरकार ने भी कमीशन के सद्स्यों को वीजा नहीं दिया था। इस कमीशन के बारे में कहा जाता है कि यह अपने आप में विश्व का इकलौती ऐसी संस्था है जो विश्व भर में लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने हेतु प्रतिबद्ध है।

 
 

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