इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म सेनफोर्ड सी. बर्नस्टेन के विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी को हैंडसेट सब्सिडी में कमी लानी होगी तो ग्राहकों से प्राप्त राजस्व में वृद्धि की आवश्यकता है।
- विश्लेषकों ने कहा है कि घाटा भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया से भी बड़ा होगा
- जियो फोन के लिए सब्सिडी का वहन रिलायंस रिटेल लिमिटेड के द्वारा किया जाता है
- वोडा-आइडिया को 32 अरब रुपये, भारती एयरटेल को 7.5 अरब रुपये का घाटा संभव
नई दिल्ली : भारत में सर्वाधिक मुनाफे वाली टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो को इस वित्त वर्ष में 2.1 अरब डॉलर (15 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है, यदि हैंडसेट पर दी गई सब्सिडी जैसे खर्च को जोड़ लिया जाए। यह बात इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म सेनफोर्ड सी. बर्नस्टेन के विश्लेषक क्रिस लेन और सैमुअल चेन के हवाले से ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कही गई है। क्लाइंट्स को 26 फरवरी को लिखे नोट में विश्लेषकों ने कहा है कि यह घाटा इसके प्रतिद्वंद्वियों भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया से भी बड़ा होगा।
हालांकि, इसके बावजूद कंपनी अगले 12 महीनों में राजस्व और ग्राहकों की संख्या के मामले में सबको पीछे छोड़ देगी। लेन और चेन के मुताबिक, फोन सब्सिडी का वहन एक अलग यूनिट रिलायंस रिटेल लिमिटेड के द्वारा किया जाता है और इसलिए यह जियो के हिसाब-किताब में नहीं दिखता है। उन्होंने कहा कि जियो अपने अकाउंटिंग में ‘गैर मानक’ मूल्यह्रास मैट्रिक्स का इस्तेमाल करता है।
मुकेश अंबानी की वायरलेस फोन कंपनी लगातार हर तिमाही में मुनाफे की घोषणा कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी को निवेश पर सकारात्मक रिटर्न के लिए हैंडसेट सब्सिडी में कमी करनी होगी और ग्राहकों से प्राप्त राजस्व में वृद्धि करनी होगी। ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक, भारत की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया को मार्च में खत्म हो रहे वित्त वर्ष में 32 अरब रुपये का शुद्ध घाटा हो सकता है। दूसरे नंबर पर मौजूद कंपनी भारती एयरटेल को 7.5 अरब रुपये का घाटा होने का अनुमान है।