रियल एस्टेट को बड़ी राहत, अधूरे घरों को पूरा करने के लिए मिलेंगे 25 हजार करोड़…
आपके अधूरे पडे़ सपनों के घर को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को रियल एस्टेट क्षेत्र को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का एक विशेष फंड बनाने का एलान किया, जिसमें सरकार वैकल्पिक निवेश फंड (एआईएफ) के तौर पर 10,000 करोड़ का योगदान देगी। बाकी 15,000 करोड़ के फंड के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) सहयोग करेंगे। बाद में इसमें और भी संस्थान जुड़ सकेंगे व फंड की राशि भी बढ़ाई जा सकेगी।
सीतारमण ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट ने इस फंड की मंजूरी दी। उन्होंने कहा, इस फंड से देशभर में 1,600 से ज्यादा अटकी पड़ी आवास परियोजनाओं को पैसे मुहैया कराए जाएंगे।
इन परियोजनाओं के तहत 4.58 लाख मकान बनने हैं। उन्होंने कहा, सस्ते और आसान शर्तों पर फंड मुहैया कराया जाएगा। इससे किफायती और सस्ती आवासीय परियोजनाओं को फायदा मिलेगा। वित्त मंत्री ने साफ किया कि रेरा के तहत रजिस्टर्ड आवासीय परियोजनाओं को ही इस फंड का लाभ मिल सकेगा।
30 फीसदी तक अधूरी परियोजनाओं को मदद
वित्त मंत्री ने बताया, शुरुआत में यह फंड एसबीआई के पास जमा होगा। उन्होंने कहा, रेरा में जो भी अधूरी परियोजनाएं हैं उन्हें आखिरी चरण तक मदद दी जाएगी। 30 फीसदी तक अधूरी परियोजनाओं को तब तक मदद दी जाएगी ताकि खरीदार को जल्द से जल्द मकान दे दिया जाए। अगर यह फंसे कर्ज (एनपीए) या दिवालियेपन से जूझ रही परियोजना भी होगी, तब भी उसकी मदद की जाएगी।
जो परियोजना शुरू नहीं, उसे नहीं मिलेगा लाभ
हालांकि, वित्त मंत्री ने यह भी साफ किया कि अगर किसी यूनिट की एक परियोजना शुरू हुई और वह पूरी नहीं हो पाई है तो उसे सहयोग मिलेगा, लेकिन उसी कंपनी की दूसरी परियोजना जो शुरू नहीं हुई है, उसे इसका लाभ नहीं मिलेगा।
यह है मकसद
केंद्र सरकार की इस पहल का मकसद रोजगार पैदा करने के साथ सीमेंट, लोहे और स्टील उद्योगों के लिए मांग में बढ़ोतरी करना भी है। इसके अलावा, देश की अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती को दूर करना भी है। इस फंड में पेंशन फंड को भी शामिल किए जाने की उम्मीद है।
14 सितंबर के एलान पर लगी मुहर
सीतारमण ने पहली बार 14 सितंबर को एआईएफ बनाने का एलान किया था। जो किफायती और मध्यम व निमभन आय वर्ग से जुड़ी अधूरी पड़ी 1,600 आवासीय परियोजनाओं को कर्ज देने के लिए स्पेशल विंडो की तरह काम करेगी।
यह मुख्य बदलाव
एआईएफ द्वारा परियोजनाओं को कर्ज देने में जो अहम बदलाव किया गया है, वह यह है कि अब ऐसे लेनदारों को भी कर्ज मिल सकेगा, जो खुद को एनपीए घोषित कर सकेंगे या फिर राष्ट्रीय कंपनी विधिक प्राधिकरण (एनसीएलटी) के तहत दिवालिया होने की प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं।
छंटेंगे आर्थिक सुस्ती के बादल
विशेषज्ञों ने रिजर्व बैंक द्वारा लगातार ब्याज दर में कटौती और अब रियल एस्टेट के लिए पैकेज के एलान से आर्थिक सुस्ती के बादल छंटने की उम्मीद जताई है। ब्लूमबर्ग का कहना है कि भारत जैसे देशों की ओर से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के प्रयास से कुछ समय बाद सुधार आएगा।
अमेरिकी एजेंसी आईएसएम की रिपोर्ट बताती है कि अक्तूबर से रोजगार के अवसर बढ़े हैं, वहीं जेपी मॉर्गन का कहना है कि अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे पॉजिटिव ग्राफ की दिशा में बढ़ रही है। हालांकि वित्त मंत्री के पैकेज के एलान के बाद भी 1600 अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अभी 55000 से 80000 करोड़ रुपये की और जरूरत होगी।
क्रेडाई ने किया स्वागत
रियल एस्टेट डवलपर्स एसोसिएशन (क्रेडाई) ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। क्रेडाई के अध्यक्ष जक्षय शाह ने कहा, यह स्वागतयोग्य कदम है। हमें उम्मीद है कि इससे मकान खरीदारों की अरसे से लंबित समस्याओं का निपटारा हो सकेगा। अधूरी पड़ी परियोजनाएं पूरी हो सकेंगी, चाहे वे एनपीए हों या दिवालिया की प्रक्रिया का सामना कर रही हों।