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रियल एस्टेट सेक्टर ‘अच्छे दिन’ अभी कोसों दूर!

real estate sectorनई दिल्लीः रियल एस्टेट्स और निर्माण सेक्टर की समस्या कम होती नहीं दिख रही है। मांग और सप्लाई दोनों के मोर्चे पर इस सेक्टर में दबाव दिख रहा है। वित्त मंत्रालय द्वारा मध्य वर्षीय आर्थिक विश्लेषण 2015-16 में उपलब्ध डेटा के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2015-16 के पहली छमाही में निर्माण सेक्टर के क्रैडिट (कर्ज लेने की दर) में काफी गिरावट आई है और रियल एस्टेट सेक्टर की सर्विस ऐक्टिविटी (इसका मतलब निर्माण कार्य) में भी काफी गिरावट आई है। मार्च 2015 को समाप्त हुई पहली छमाही में निर्माण सेक्टर से कमर्शल बैंक की क्रैडिट ग्रोथ (बैंकों से कर्ज लेने की ग्रोथ) 27.4 फीसदी हुआ था जो इस साल की इसी अवधि में गिरकर 4.1 फीसदी हो गई है। क्रैडिट ग्रोथ में भारी गिरावट होने का मतलब है कि रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में काम और मांग में काफी कमी हुई है। साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि देश के बड़े मार्कीट में बड़ी संख्या में मकान बिक नहीं रहे हैं।
सेक्टर में काम की रफ्तार सुस्त होने के नतीजे में इस अवधि में ग्रोथ रेट में भी गिरावट आई है। सितंबर 2015 को समाप्त हुई दूसरी तिमाही में सम्रग जीडीपी 7.4 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी जबकि निर्माण सेक्टर में सिर्फ 2.6 फीसदी की ग्रोथ हुई। पिछले साल इसी तिमाही में इस सेगमेंट में 8.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी। इसलिए निर्माण गतिविधि में गिरावट साफ नजर आ रही है और इससे रीयल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स की बुरी स्थिति का भी पता चलता है। फाइनैंशल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्विसेज सेक्टर की ग्रोथ से मुकाबला करने पर भी पता चलता है कि रियल एस्टेट की हालत बुरी रही है। साल की पहली छमाही में जहां फाइनैंशल, रियल एस्टेट और प्रफेशनल सर्विसेज 9.3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है वहां मध्य वर्षीय विश्लेषण से पता चलता है कि रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनियों ने कम ग्रोथ रेट दर्ज कराया है।

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