रिलायंस कम्युनिकेशंस को कर्ज चुकाने के लिए मिली सात माह की मोहलत
नई दिल्ली : 45,000 करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी रिलायंस कम्युनिकेशंस को उस समय राहत मिल गई जब कर्ज अदायगी के लिए अनिल अंबानी ने अपनी कार्य योजना लेनदारों के सामने रखी, जिसे लेनदारों ने न केवल मंजूर किया, बल्कि लेनदारों ने कंपनी को 7 महीने का समय भी दे दिया है. वहीं अनिल अंबानी ने अपने शेयरधारकों को आश्वस्त किया कि उनका धन सुरक्षित है और आने वाले समय में कमाई होगी.
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उल्लेखनीय है कि कर्ज कम कैसे हो ये योजना बताने के बाद अनिल अंबानी ने कहा कि निवेशकों को चिंतित होने जरूरत नहीं है. अभी टेलीकॉम सेक्टर संकट के दौर से गुजर रहा है और हर टेलीकॉम ऑपरेटर को कोई न कोई परेशानी है, लेकिन हमारे सारे प्रयास कंपनी को ट्रांसफॉर्म करने के लिए ही उठाए जा रहे हैं, इससे रिलायंस कम्युनिकेशंस का भविष्य उज्ज्वल है.
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बता दें कि अनिल अंबानी ने योजना का खुलासा करते हुए कहा कि एयरसेल से विलय के बाद कर्ज घटकर 22,000 करोड़ रुपए हो जाएगा और 14000 करोड़ रुपए का कर्ज नई कंपनी में स्थानांतरित होगा. एयरसेल मर्जर के बाद नई कंपनी एयरकॉम होगी. एयरकॉम में रिलायंस कम्युनिकेशंस की 50 फीसदी भागीदारी होगी.एयरकॉम, रिलायंस इंफ्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा होगी. इसके अलावा टावर बिक्री से कर्ज 11000 करोड़ रुपए कम हो जाएगा.रिलायंस इंफ्रा का ब्रुकफील्ड के साथ करार भी होगा.इससे आर्थिक हालात सुधरेंगे.